जुलाई 2017 में पुल निर्माण का ठेका दिया गया है। ठेके की शर्त के मुताबिक पुल जून 2018 तक यानी एक साल पहले ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, जो अब तक नहीं बना है। गत वर्ष एक जनहित याचिका पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने गौरी सरोवर के उक्त निर्माणाधीन पुल तथा उसके आसपास किसी भी प्रकार के नवनिर्माण की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी जिसके बाद पुल का निर्माण रोक दिया गया था, पर नगर पालिका द्वारा एनजीटी में अपना पक्ष रखकर पुल पर लगी एनजीटी की रोक को हटवा लिया गया है जिससे पुल बनने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने पुल के लिए 151.832 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। नगर पालिका द्वारा पुल के लिए 9 बार निविदाएं बुलाई गईं पर टेण्डर दरें न आने की वजह से 10वीं बार 22 अगस्त 2016 को नए सिरे से टेण्डर आमंत्रित किए गए। इसमें पुल निर्माण का ठेका यूएडीडी आईएसएसआर 2012 की प्रचलित दरों से 39.49 प्रतिशत अधिक पर एक स्थानीय निविदादाता को दिया गया। 21 नवंबर 2016 को संपन्न हुई नपा की पीआईसी की बैठक में भी उक्तानुसार नगरीय प्रशासन विभाग से पुल निर्माण के पुनरीक्षित प्राककलन व कुल पुनरीक्षित व्यय की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करने की मंजूरी दी जा चुकी है।
100 मीटर लंबा व 8 मीटर चौड़ा होगा पुल पुल के 3 पिलर बन चुके हैं व उस पर स्लेब डाली जा चुकी हैं। पुल के लिए 10 बार निविदांए बुलाने में नगर पालिका के तकरीबन 25 से 30 लाख रुपए खर्च हो चुके हंै। पुल की कुल लंबाई 100 मीटर व चौड़ाई 8 रहा है। इसकी चौड़ाई 8.00 मीटर है। पुल कुल 10 पिलरों पर खड़ा होगा जिसमें से तीन बन चुके हैं। इस पुल के निर्माण से बस स्टैँड, बीटीआई रोड व भारोली रोड क्षेत्र की तकरीबन 25 हजार से अधिक आबादी को शहर के प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र सदर बाजारा व गांधी मार्केट तक आने जाने के लिए 3.5 किलोमीटर का चक्कर काटने से निजात मिलेगी।
&गौरी तालाब के पुल का निर्माण द्रुत गति से पूर्ण कराया जाएगा ताकि शहरवासियों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। इससे सरोवर की खूबसूरती में भी वृद्धि होगी। संजीवसिंह कुशवाह, विधायक &ठेकेदार को पुल का निर्माण शीघ्र पूरा करने की कड़ी हिदायत दी गई है। इस वर्षान्त तक निर्माण पूरा होने की संभावना है।
सुरेन्द्र शर्मा, सीएमओ नपा भिण्ड