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24 सौ स्कूलों में से चुने 124 चैंपियन टीचर

locationभिंडPublished: Jan 24, 2018 11:50:56 pm

Submitted by:

monu sahu

कलेक्टर ने जिपं सभागार में बुलाकर लिया फीडबैक, कलेक्टर बोले- लर्निंग के साथ करें सपोॢटंग मैटेरियल का उपयोग,गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा जरूरी

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भिण्ड. शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा शिक्षण कार्यमें शिक्षकों की रुचि जगाने के लिए जिले के 24 सौ स्कूलों में से 124 टीचरों को चैंपियन के रूप में चुना गया है। इन शिक्षकों का गणतंत्रदिवस पर सम्मान होगा।चैंपियन टीचरों का उपयोग अन्य कमजोर स्कूलों को आगे लाने के लिए बं्राड एंबेसडर के रूप में किया जाएगा।
चैंपियन चुने गए सभी टीचरों को बुधवार के दिन जिला पंचायत सभागार में बुलाया गया था। कलेक्टर ने सभी टीचरों को बारी-बारी से बोलने का मौका दिया। सभी यह भी पूछा गया कि आप की किन खूबियों के कारण चैंपियन चुना गया है। टीचरों ने अपनी सफलता के बारे में अलग -अलग प्रकार की जानकारी दी। सभी टीचरों को २६ जनवरी को प्रमाणपत्रदेकर सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। सम्मान समारोह का आयोजन शासकीय बुनियादी स्कूल में होगा। चंैपियन टीचरों से सब्जेक्ट से संबंधित एक मॉडल भी बनाकर लाने कहा गया है। भविष्य में चंैपियन टीचरों के बीच से भी चंैपियन टीचर्स का चुनाव होगा। जनशिक्षा केंद्र में आने वाले अन्य कमजोर स्थिति की शालाओं को अपग्रेड करने के लिए चैंपियन टीचरों का उपयोग ब्रांड एंबेसडर के रूप में करने की भी विभाग ने योजना तैयार की है। सप्ताह में एक दिन ये टीचर कमजोर बच्चों वाली शालाओं में जाकर छात्रों के अलावा वहां के टीचरों को भी मोटीवेट करेंगे। भविष्य में होने वाले प्रशिक्षणों को स्कूलों में ही आयोजित करने का प्रयास किया जाएगा ताकि परिणाम और भी बेहतर जाए।
कैसे बने चैंपियन-टीचरों की जुबानी

आभा मिश्रा (मिडिल स्कूल कचनाव) बच्चों में विज्ञान के प्रति जगाने के लिए टीचर लर्निंग मैटेरियल का उपयोग किया गया। खेल-खेल में पढ़ाकर बच्चों में रूचि जगाई गई।
अमरसिंह निगम (मिडिल होतमसिंह का पुरा ) खेल खेेल में बच्चों को पढ़ाने का तरीका अपनाया। धागे से आयत, वर्ग, त्रिभुज बनाकर गणित के प्रति जागरूक किया।

मेघनाथ सिंह (प्राथमिक रानी विरगवंा) मां की गोद से निकलने के बाद बच्चा सीधे हमारे पास आता है। गति विधि आधारित शिक्षा के माध्यम से उसे स्कूल की ओर आकर्षित करना संभव है।
अनूप शर्मा (मिडिल नावली वृंदावन) जब तक बच्चे से इमोशनल अटेचमेंट नहीं होगा तब तक सफलता संभव नहीं।

धीरज त्रिपाठी (मिडिल गोहद) प्रेक्टिल बेस शिक्षा दी।क्विज कराता हूं।प्रोजेक्ट भी बच्चों से तैयार कराता हूं।

लर्निंग के साथ सपोॢटंग मैटेरियल को उपयोग भी बच्चों को पढ़ाया जाए। आसपास के इंस्टीट्यूट का महीनें में एक बार बच्चों को भ्रमण कराया जाए। स्कूल में कदम रखते ही पता चल जाता है कि टीचर कैसे हंै। मन में आया कि कुछ अच्छे टीचर भी जिनका सम्मान होना चाहिए।
डॉ. इलैया राजा टी कलेक्टर भिण्ड

चैंपियन टीचर चुनने का कंसेप्ट काफी सफल रहा है। एक सैकड़ा से अधिक टीचर और अपनी दावेदारी कर रहे है। वहीं की लापरवाह टीचरों की कार्यशैली में सुधार आ रहा है।इन टीचरों का उपयोग ब्रांड एंबेसडर के रूप में किया जाएगा।
संजीव शर्मा डीपीसी भिण्ड

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