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सरकारी कॉलेज में १३ अतिथि विद्वान, २२ छात्र फिर भी अज्ञानी

locationभिंडPublished: Mar 20, 2022 01:07:11 pm

Submitted by:

Abdul Sharif

भिण्ड जिले के गोरमी के सरकारी स्कूल के दो कमरों में चल रहा कॉलेज

सरकारी कॉलेज में १३ अतिथि विद्वान, २२ छात्र फिर भी अज्ञानी

सरकारी कॉलेज में १३ अतिथि विद्वान, २२ छात्र फिर भी अज्ञानी

रविभान सिंह भदौरिया, भिण्ड। राजनैतिक उपलब्धि बनाने के लिए नगर में सरकारी कॉलेज तो खोल दिया गया। लेकिन वहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। कॉलेज के पहले शिक्षा सत्र में २२ छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए १३ अतिथि विद्वान रख लिए गए। सरकारी स्कूल के दो कमरों में कॉलेज संचालित किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा के सत्र २०२१-२२ के लिए मेहगांव में सरकारी कॉलेज खोला गया। सरकारी स्कूल के दो कमरों में इसको संचालित किया जा रहा है। इसमें कुल छात्र संख्या २२ है। उनको पढ़ाने के लिए कॉलेज में १३ अतिथि विद्वानों को नियुक्त कर दिया गया है। कॉलेज में बीए और बीएससी कक्षाओं के छात्रों को प्रवेश दिया गया है। कॉलेज में छात्रों को बैठने के लिए टेबल कुर्सी तक नहीं है। कॉलेज में कुल १४ लोगों का स्टाफ है। इसमें प्राचार्य भी शामिल हैं। कालेज में बिजली, पानी और बैठने की भी व्यवस्थाएं नहीं है।
किताबें नहीं पर लाइब्रेरियन पदस्थ : सरकारी कॉलेज के पहले शिक्षा सत्र में छात्र संख्या २२ है। किताबों के नाम पर कुछ नहीं हैं। उसके बाद भी वहां पर लाइब्रेरियन को नियुक्त कर दिया गया है। इस हालात से कॉलेज की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कॉलेज में आरके पटेल को रख दिया गया है।
कॉलेज में हैं यह अतिथि विद्वान :
गोरमी के सरकारी कॉलेज में डॉ रुपल शर्मा रसायन, डॉ नीलम तोमर भूगोल, डॉ अनीता तोमर समाज शास्त्र, डॉ अर्चना परिहार हिंदी, नीतू कुशवाह खेल, डॉ शबाना खान अर्थशास्त्र, डॉ कुशल पाल अंग्रेजी साहित्य, डॉ राजीव मिश्रा इतिहास, मयंक जैन गणित, शैलेंद्र सिंह भौतिकी, महेश कुशवाह कंप्यूटर, सतेंद्र सिंह राजनीति विज्ञान विषय पढ़ाने के लिए अतिथि विद्वान बनाया गया है।
कथन :
गोरमी कॉलेज में अतिथि विद्वान उच्च शिक्षा विभाग की ओर से रखे गए हैं। लीड कॉलेज से कुछ फर्नीचर मांगा था वह भिजवा दिया गया है।
डॉ अनूप श्रीवास्तव, प्राचार्य लीड एमजेएस कॉलेज, भिण्ड।
कथन :
कॉलेज में छात्रों के लिए फर्नीचर व अन्य अव्यवस्थाएं हैं। उसके लिए पत्र लिखा है। कॉलेज में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। छात्रों को परेशानी हो रही है। वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसके लिए पत्र लिखा है।
जितेंद्र बिसारिया, प्रभारी प्राचार्य सरकारी कॉलेज गोरमी।

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