पूरा मामला जानिए
गत सोमवार को विकास जाटव बाइक पर सवार होकर गुजर रहा था। इसी दौरान संगीन अपराध में फरार आरोपी कमल नागर ने उससे लिफ्ट मांग ली। हरीरामपुरा के पास मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने कमल नागर को पकड़ लिया। उस समय कार्यवाही में मौजूद प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी व आशीष शुक्ला ने उसे यह कहकर छोड़ दिया कि तू अभी जा बाद में बात करेंगे। उसी शाम उससे 20 हजार रुपए मांगे। ऐसे में रुपए देने में असमर्थता जाहिर करते हुए उसने दोनों ही पुलिस कर्मियों को दो मुर्गे बनवाए और बियर की बोतलें भी मंगाकर पिलाईं। उसके बावजूद दोनों 20 हजार रुपए की मांग करते रहे। प्रधान आरक्षकों ने उससे कहा यदि रुपए नहीं दिए तो उसे धारा 307 का आरोपी बना दिया जाएगा। थाना प्रभारी से बात हो गई है यदि व्यवस्था कर दोगे तो तुम्हें बचा दिया जाएगा। लिहाजा उसने 17 मई को ग्वालियर के लोकायुक्त कार्यालय पहुंचकर रिश्वत मांगे जाने के संबंध में शिकायत दर्ज करा दी। इस मामले में एसपी शैलेन्द्र चौहान ने दोनों ही प्रधान आरक्षकों को निलंबित कर दिया है।
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थाना परिसर में ही उतरे प्रधान आरक्षक के कपड़े
शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए 15 सदस्यीय लोकायुक्त टीम मालनपुर थाने के आसपास सादे लिवास में पहुंच गई। ऐसे में उसने रुपए जब प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी को दिए तो उसे कम लगे। ऐसे में उसने पुन: गिनकर उसे दे दिए। मनीष पचौरी ने जैसे ही रकम अपनी जेब में रखी तभी लोकायुक्त टीम के सदस्यों ने उसे घेराबंदी कर दबोच लिया। तदुपरांत थाना परिसर में न सिर्फ हाथ धुलवाए गए बल्कि वर्दी भी उतरवाकर धुलवाई गई। कार्यवाही में डीएसपी प्रघुम्न कुमार पाराशर, डीएसपी योगेश कुंजारिया, निरीक्षक राघवेंद्र ऋषिश्वर, कविंद्र सिंह चौहान, ब्रजमोहन नरवरिया, अंजली शर्मा, भारत सिंह किरार, प्रधान आरक्षक इकवाल खान, हेमंत शर्मा, आरक्षक विशंभर सिंह भदोरिया, सुरेंद्र सिंह सहमिल, अंकित शर्मा आदि शामिल रहे।