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बरसात पर आश्रित 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर नहीं हो पाई फसल

locationभिंडPublished: Nov 06, 2020 09:50:25 pm

ट्यूबवेल व नहर से जुड़ी जमीन पर ही शुरू हो पाई सरसों व गेहूं फसल के लिए बोवनी

बरसात पर आश्रित 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर नहीं हो पाई फसल

शहर के इटावा रोड किनारे स्थित विशेष कृषि अनुसंधान केंद्र के पास स्थित उपजाऊ जमीन।

भिण्ड. अल्पवर्षा के चलते इस बार भिण्ड जिले की 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर फसल नहीं हो पाएगी। बता दें कि जिलेभर में जमीन का रकबा 02 लाख हेक्टेयर है। उक्त जमीन में से 22 हजार हेक्टेयर चंबल, क्वारी एवं सिंध नदी के बीहड़ से सटे करीब 200 गांवों की जमीन बरसात पर आश्रित है।

इस वर्ष रबी फसल का रकबा 25 से 30 फीसद घटने के आसार हैं। जिले से गुजरी विभिन्न नदियों के निकटवर्ती गांवों की जमीन असिंचित होने के कारण सभी भूस्वामी कृषक बरसात पर आश्रित रहते हैं। लिहाजा इस बार पर्याप्त बरसात नहीं होने से बीहड़ी गांवों के कृषक जमीन को जोत भी नहीं पाए हैं। ऐसे में पलेवा या बोवनी की उम्मीद ही क्या की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि लहार क्षेत्र के किसानों के लिए दतिया कैनाल है, जबकि अटेर के लिए अंबाह कैनाल एवं भिण्ड क्षेत्र के किसानों की जमीन की सिंचाई के लिए बीएमसी नहर है। उपरोक्त नहरों से बीहड़ी क्षेत्र की जमीन सिंचित नहीं हो पाती है क्योंकि वहां तक बंबा, कूल, कुलाबे ही नहीं बनाए गए हैं।

ऐसे सिंचित हो सकता है नदी किनारे गांवों का बीहड़ी क्षेत्र का रकबा

शासन यदि बीहड़ी जमीन के रकवे को सिंचित करने की योजनाए बनाए तो उपरोक्त क्षेत्र की जमीना स्वामियों को ट्यूबवेल के लिए कम ब्याज पर सहज ऋण उपलब्ध कराने के अलावा सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने की पहल कर सकती है। वर्षों से अल्पवर्षा के चलते फसल का लाभ नहीं ले पाने का संकट झेलते आ रहे उपरोक्त क्षेत्र के किसानों के लिए उनकी वही जमीन जीवन दायिनी होने के अलावा लाइफ स्टैंडर्ड बदलने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
इस बार जिले में गत वर्ष की अपेक्षा करीब 30 फीसद कम होगा सरसों व गेहूं
अल्प वर्षा से सरसों व गेहूं का रकबा घटने से जिले में सरसों तथा गेहूं की फसल लगभग 30 फीसद कम हो जाने के आसार हैं। बीहड़ी क्षेत्र के किसानों की मानें तो इस वर्ष उन्हें परिवार की आजीविका के लिए अन्य काम धंधों का सहारा भी लेना पड़ेगा तथा कुछ लोग कर्ज लेकर भी परिवार चलाने के लिए मजबूर होंगे।

इन प्रमुख गांवों की बीहड़ी जमीन को नहीं मिल पाता नहरों का पानी

अटेर क्षेत्र के चौम्हो, दिन्नपुरा, मघारा, खैराट, नावली, वृंदावन, कोषढ, सरायपुरा, गढ़ा, चाहचर, ज्ञानपुरा, छूंछरी, रानी विरगवां, बरही, रानीपुरा सहित 36 गांव की जमीन असिंचित है। मेहगांव अंतर्गत बरासों, टीकरी, खिदरपुरा, सिमार, विरगवां, सेंथरी, केरोरा, कैमोखरी, गाता, गुदावली, गुतौर, कतरौल, दंदरौआ, घमूरी, सुकाण्ड, एहरौली सहित करीब 65 गांव की जमीन है असिंचित। भिण्ड क्षेत्र के सिंहुड़ा, कनावर, टेहनगुर, बिलाव, सिरसई, गोरम, खेरा, श्यामपुरा, ढोंचरा एवं बिजपुरी समेत 35 गांव की जमीन असिंचित है। गोहद क्षेत्र के चंदोखर, डांग छैंकुरी, रूपावई सहित 34 गांव की जमीन असिंचित है। वहीं लहार विकास खण्ड में रावतपुरा, चाचीपुरा, मटियावली, अजनार, पर्रायंच, धौर सहित 30 गांव की जमीन असिंचित है।

फैक्ट- फाइल

01 हजार हेक्टेयर जमीन असिंचित लहार में
03 हजार हेक्टेयर जमीन असिंचित गोहद में
06 हजार हेक्टेयर जमीन असिंचित अटेर में
05 हजार हेक्टेयर जमीन असिंचित है भिण्ड में
07 हजार हेक्टेयर भूमि असिंचित है मेहगांव में
02 लाख हेक्टेयर जिले की जमीन का कुल रकबा
03 नहर हैं जिलेभर में
02 सैकड़ा गांव की जमीन असिंचित है जिलेभर में
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