अटेर थाना क्षेत्र के ग्राम चौम्हों निवासी अंकित भदौरिया पुत्र सुरेश सिंह भदौरिया एवं कौशल उर्फ बॉबी भदौरिया पुत्र रामचंद्र सिंह भदौरिया अपने दो अन्य साथी भूपेंद्र सिंह एवं मि_ू भदौरिया के साथ माता मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम में नेजा चढ़ाने के लिए सामान लेने अटेर गए थे। अटेर कस्बे में युवकों ने 1800 रुपए की सामग्री खरीदने के बाद दुकान पर ही सामान रखकर चंबल नदी पर नहाने के लिए निकल गए। दुकानदार से एक घंटे में वापस आने की कहकर निकल गए थे। जहां नहाते वक्त दोनों ही युवक चंबल नदी के तेज बहाव में फंसकर बह गए। घटना की सूचना के बाद स्थानीय गोता खोरों ने युवकों को पानी में तलाश किया। साथ ही बहोड़ापुर ग्वालियर से एनडीआरएफ निरीक्षक प्रदीप कुमार के नेतृत्व में दस सदस्यीय दल एवं टेकनपुर ग्वालियर से बीएसएफ के मनोज सिंह कुंअर अपने 12 सदस्यीय रेस्क्यू दल तथा भिण्ड से होमगार्ड सैनिकों के रेस्क्यू दल ने लगातार सर्चिंग की। रेस्क्यू दल की तीनों ही टीमों ने चंबल में सर्च ऑपरेशन चलाया।
बिना पीएम कराए परिजन ले गए शव: जैसे ही पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस सोमवार सुबह चंबल नदी पर पहुंचे तभी कौशल भदौरिया का शव सर्चिंग कर रहे दल को 9:38 बजे किनारे पर अटका मिल गया, जबकि 12:19 बजे अंकित भदौरिया का भी शव मिल गया। शव मिलने के बाए परिजनों ने पीएम कराने से इनकार कर दिया। ऐसे में दोनों ही शव जब गांव में पहुंचे तो न केवल परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था बल्कि गांव के हर एक व्यक्ति की आंख में आंसू नजर आ रहे थे।
रेस्क्यू टीमों द्वारा सर्चिंग किए जाने की कार्यवाही के अलावा चौम्हों गांव के लोग तथा नदी में डूबे दोनों युवकों के परिजनों के अलावा ग्रामीणजन बड़ी संख्या में सुबह तक चंबल किनारे ही डंटे रहे। हालांकि रेस्क्यू टीमों के लिए खाने की व्यवस्था अटेर जनपद सदस्य हरिवल्लभ पुरोहित व सरपंच गौरव राय ने कराई।
अंकित को एनडीआरएफ निरीक्षक ने 40 फीट गहराई से निकाला यहां बता दें कि अंकित भदौरिया को एनडीआरएफ निरीक्षक प्रदीप कुमार ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के साथ 40 फीट पानी में उतरे तब उन्हें अंकित का शव निर्माणाधीन पुल के पिलर के पास ही फंसा मिला। जबकि कौशल उर्फ बॉबी का शव घटनास्थल से आधा किमी दूर चंबल किनारे बरही घाट की ओर एसडीएम सिद्धार्थ पटेल, उप निरीक्षक थाना अटेर महेश शर्मा व पटवारी कमलेश गोले को उस समय अटका मिला जब वे एक बोट में सवार होकर सर्च करने स्वंय निकले।
दो बार रोकने के बाद भी गहराई की ओर जाने से नहीं रुके थे अंकित और कौशल निर्माणाधीन चंबल पुल पर कंपनी की ओर से तैनात गार्ड द्वारा अंकित भदौरिया व कौशल भदौरिया को नहाते वक्त गहराई की तरफ जाने से दो बार रोका गया था। गार्ड के अनुसार दोनों ही युवकों ने उनकी एक नहीं सुनी बल्कि अभद्रता पूर्वक जवाब देते हुए गहरे पानी की ओर बढ़ गए। देखते ही देखते दोनों युवक बह गए।
रेस्क्यूू टीम को एसपी ने किया सम्मानित चंबल नदी में डूबे अंकित एवं कौशल भदौरिया के शव को 25 घंटे की सर्चिंग में बाहर निकाल लाने पर पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने एनडीआरएफ एवं बीएसएफ के अलावा होमगार्ड सैनिक दल की रेस्क्यू टीम के सदस्यों को सम्मानित किया है।