नीलामी की प्रक्रिया के दौरान जनपद पंचायत के सभागार में अटेर के अनुविभागीय दंडाधिकारी अभिषेक चौरसिया एवं जनपद सीईओ विनीत त्रिपाठी मौजूद रहे। आधा दर्जन ठेकेदारों ने नीलामी में भाग लिया। राउंड आधारित नीलामी में प्रथम बोली हरेंद्र सिंह द्वारा & लाख की लगाई। बोली के 14 राउंड हुए। अंतिम बोली
25 लाख 20 हजार रुपए में धर्मेंद्र सिंह भदौरिया निवासी ग्राम जमहोरा के नाम छूटी। दूसरी बोली 25 लाख की विजय उपाध्याय तथा तीसरी बोली 2& लाख की प्रदीप सिंह भदौरिया की रही। ठेके की अवधि 20 नवंबर से जून 2020 तक रहेगी। अटेर कस्बा उत्तरप्रदेश की सीमा पर बसा है जिससे यहां से नाव के जरिए उप्र के बाह, जैतपुर,आगरा, सिरसागंज आदि स्थानों को सैकड़ों स्थानीय लोग रिश्तेदारियों एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खरीददारी करने के लिए रोज आवागमन करते हैं।
वर्ष 2016 -17 के बाद हुई नावघाट की नीलामी नावघाट की नीलामी अंतिम बार वर्ष 2016 -17 में हुई थी। तब भी बोली 25 लाख पर टूटी थी। बाद में संबंधित ठेकेदार ने नाव संचालन करने से इनकार कर दिया था। तब 12 लाख रुपए की बोली लगाकर दूसरे स्थान पर रहे ठेकेदार को जनपद पंचायत ने नाव संचालन की अनुमति दी थी। उसके बाद से जनपद पंचायत नदी में अपने कर्मचारियों या रोजनदारी पर नाव का संचालन करवा रही है।
-अटेर चीकनीपुरा नाव घाट की नीलाम बोली पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार की गई है। सबसे अधिक 25 लाख 20 हजार की बोली रही। मघेरा नावघाट के लिए कोई भी ठेकेदार नहीं आने से उसकी बोली नहीं हो सकी ।
विनीत त्रिपाठी, सीईओ जनपद पंचायत अटेर