37 यात्री बसें चलनी थीं, आधा दर्जन जिलों, कस्बों को, आठ ही बस चल पाईं
भिंडPublished: Feb 11, 2023 09:47:14 pm
पांच साल पहले विभिन्न मार्गों पर सस्ती और निर्वाध सेवा उपलब्ध करवाने के लिए शुरू की गई सूत्र बस सेवा अब तक पटरी पर नहीं आ पाई है। ऐसे में भिण्ड से ग्वालियर के बीच ही आधा दर्जन बसों का संचालन हो पा रहा है। भिण्ड से दीगर जिलों और कस्बों के लिए निर्वाध बस सेवा शुरू नहीं हो पा रही है। इससे यात्रियों को ग्वालियर के बीच भी व्यावहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


बस स्टेंड में खड़ी बस
भिण्ड. मप्र राज्य परिवहन निगम की तर्ज पर एक कंपनी को निजी बसों का परमिट देकर चयनित आधा दर्जन से अधिक मार्गों पर अच्छी गुणवत्ता एवं अपेक्षाकृत कम किराए में यात्री बसों का संचालन किया जाना था। वर्ष 2018 में इसके लिए बीसीटीएसएल नाम से एक ट्रांसपोर्ट कंपनी भी बनी, लेकिन राजनीतिक और व्यावहारिक दांवपेंच के चलते व्यवस्था सुचारू ढंग से संचालित नहीं हो पाई। अच्छी रोड बन जाने के बाजवूद भिण्ड से ग्वालियर के बीच सामान्य बसों में दो से ढाई घंटे का समय लगता है। जबकि रोडवेज की तर्ज पर शुरू करवाई गई बसें 1.30 घंटे में ही ग्वालियर पहुंचा रही हैं। किराया भी सामान्य बसों में 100 रुपए और कंपनी की बसों में 90 रुपए लिया जा रहा है। इसलिए इन्हीं यात्री बसों से यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन बस स्टैंड उपलब्ध नहीं करवा पाने से कंपनी की अन्य बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है।
दतिया, गुना, मुरैना और सबलगढ़ के लिए बसें नहीं
इस योजना में भिण्ड से मुरैना, सबलगढ़, गुना, मौ एवं लहार सहित अटेर के लिए भी बसों का संचालन किया जाना था। लेकिन फिलहाल ग्वालियर मार्ग पर छह, लहार पर दो बसों का ही संचालन हो पा रहा है। मौ, अटेर के लिए बसों का संचालन हो ही नहीं पाया। लहार के लिए भी पांच की जगह केवल दो यात्री बसों का संचलान हो पा रहा है। भिण्ड से मेहगांव और फूप के बीच भी यात्री बसों का संचालन होना था।
बस स्टैंड को लेेकर चल रहा है विवाद
सूत्र सेवा यात्री बसों को रोडवेज बस स्टैंड के ही एक हिस्से से संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। यहां से शुरूआत में आधा दर्जन से अधिक बसों का व्यवस्थित संचालन भी हुआ। लेकिन बाद में इटावा, आगरा, दिल्ली एवं अन्य स्थानों के लिए संचालित होने वाली बसों का भी कब्जा हो गया। इससे यहां सामान्य तौर पर यात्रा करने आने वाले लोगों को परेशानी होती है। बसों को खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती।
रोडवेज के पिछले हिस्से का भी उपयोग नहीं
पुराने बस स्टैंड के एक हिस्से में जब व्यवस्था नहीं बन पाई तो तय किया गया था कि सूत्र सेवा बसों के लिए परिहवन कार्यालय के पिछले वाल हिस्से में बस स्टैंड तैयार करवा दिया जाए, लेकिन यह व्यवस्था भी दो साल बात तक नहीं हो पाई है। इस व्यवस्था में यात्री बसों का आवागमन बायपास मार्ग से सीधा होने लगता, लेकिन निर्माण कार्य न होने से पुराने बस स्टैंड के ही एक हिस्से में कॉर्नर पर खड़े होकर व्यवस्थाओं का संचालन करना पड़ रहा है।
फैक्ट फाइल
37 कुल यात्री बसों का संचालन प्रथम चरण में होना था।
08 बसों का ही संचालन शुरू हो पाया है पांच साल में।
06 बसों का संचालन ग्वालियर और भिण्ड के बीच हो पा रहा है।
05 की जगह दो बसों का संचालन हो रहा है लहार के लिए।
100 रुपए किराया है सामान्य यात्री बसों में ग्वालियर का।
90 रुपए किराया लिया जाता है कंपनी की बसों में भिण्ड से।
कथन-
-हमारे पास तो दो बसें अभी और खड़ी हैं, लेकिन बस स्टैंड का इंतजाम न होने से उनका संचालन नहीं कर पा रहे हैं। नगरपालिका को बस स्टैंड बनाकर देना था, लेकिन इस पर गंभीरता नहीं बरती जा रही है, लोग परेशान होते रहते हैं। व्यवस्था नहीं बन पा रही है।
रवी सिंह, प्रबंधक, बीसीटीएसएल, भिण्ड
-यदि केवल बस स्टैंड के अभाव की वजह से ही बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है तो हम इंजीनियर को साथ लेकर मौका मुआयना करेंगे। प्रयास किया जाएगा कि बस स्टैंड बन जाए और वहां आवश्यक अन्य यात्री सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाएं। जनहित के कार्य से नगरपालिका पीछे नहीं हटेगी।
वर्षाअमित बाल्मीक, अध्यक्ष, नगरपालिका, भिण्ड।