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47 प्रतिशत ई-केबायसी, 66 प्रतिशत हो पाए मोबाइल नंबर लिंक, जिम्मेदार सुस्त

locationभिंडPublished: Mar 19, 2023 09:25:47 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ई-केवायसी और आधार नंबर दर्ज करने की कवायाद बेहद सुस्त है। सरकार ने नवंबर 2022 तक ई-केवायसी व आधार सीडिंग न होने पर राशन बंद करने की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद फरवरी के अंत तक 47 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवायसी व 66 प्रतिशत लोगों की आधार सीडिंग हो पाई है। जबकि जनवरी माह के आधार पर खाद्यान्न 87 प्रतिशत वितरित करने का दावा किया गया है।

राशन के लिए ई-केवायसी

उचित मूल्य की दुकान

भिण्ड. जिले में कुल आठ लाख 68 हजार 150 पीडीएस उपभोक्ता हैं। इनमें से महज चार लाख नौ हजार 519 की हीई-केवायसी हो पाई है। जबकि एक लाख 86 हजार 943 पात्र परिवारों में से एक लाख 23 हजार 910 परिवारों के मुखिया के मोबाइल नंबर सीड हो पाए हैं। सर्वाधिक बुरी स्थिति जनपद पंचायत अटेर की है। यहां कुल 25 हजार 763 पात्र परिवार और एक लाख 24 हजार 35 पात्र उपभोक्ता हैं। इनमें से 44 हजार 453 उपभोक्ताओं की ही ई-केवायसी हो पाई है और 15 हजार 268 परिवारों का आधार नंबर फीड हो पाया है। इस प्रकार ई-केवायसी का प्रतिशत यहां ३६ और मोबाइल नंबर दर्ज करने का प्रतिशत 59 तक पहुंच पाया है।
जनपद पंचायत भिण्ड की भी स्थित ठीक नहीं
जनपद पंचायत भिण्ड के अंतर्गत भी ४० प्रतिशत ई-केवायसी और ६० प्रतिशत मोबाइल नंबर दर्ज हो पाए हैं। यहां 21 हजार 785 पात्र परिवार हैं और एक लाख एक हजार १०५ उपभोक्ता दर्ज हैं। इनमें से 40 हजार 215 उपभोक्तओं ई-केवायसी हुई है और 13 हजार 118 परिवारों के मुखिया का मोबाइल नंबर दर्ज हो पाया है। भिण्ड नगरपालिका में ६० प्रतिशत ई-केवायसी और 84 प्रतिशत मोबाइल नंबर फीड हो पाए हैं। जबकि नगरपालिका गोहद में ७४ प्रतिशत ई-केवायसी और 79 प्रतिशत मोबाइल दर्ज हो पाए हैं। नगर परिषद मालनपुर में 76 प्रतिशत ई-केवायसी और ७६ प्रतिशत ही मोबाइल नंबर दर्ज किए जा चुके हैं।
अचानक निर्णय हुआ तो उपभोक्ताओं को होगी परेशानी
नवंबर 2022 के अंत तक ई-केवायसी और मोाबाइल नंबर दर्ज न करवाने वाले उपभोक्ताओं व परिवारों को राशन बंद करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें निर्णय नहीं लिया जा सका है। बहुत से बुजुर्ग लोगों ने पीओएस मशीन पर अंगूठे का निशान दर्ज न होने और कई जगह बच्चों के अंगूठे न लग पाने से व्यावहारिक समस्या आ रही है।
कथन-
ई-केवायसी और आधार सीडिंग का काम 30 नवंबर तक ही पूरा होना था। तकनीकी कारणों एवं व्यस्तताओं से विलंब हुआ। राशन बंद करने के संबंध में तो कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन हम इस काम को तेज करवा रहे हैं। हमारे पीडीएस दुकान संचालक निरंतर दबाव उपभोक्ताओं पर ई-केवायसी के लिए बना रहे हैं।
मनोज वाष्र्णेय, जिला आपूर्ति अधिकारी, भिण्ड।
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