ग्रामीणों का कहना था कि हर बार चुनाव के दौरान आश्वासन का लॉलीपॉप थमा दिया जाता है। चुनाव के बाद कोई भी नेता पलटकर गांव की तरफ देखता तक नहीं। ऐसे में एसडीएम की समझाइश भी निरर्थक रही। वहीं ग्राम नदौरी के ग्रामीणों ने तीन दिन पूर्व हुई संत प्रहलाददास की निर्मम हत्या के आरोपियों को नामजद नहीं कर पाने के विरोध में मतदान करने का बहिष्कार किया।
इन विधानसभा क्षेत्र में इतना रहा मतदान का प्रतिशत
अटेर में 46.00, भिण्ड में 45.50, लहार 50.50, मेहगांव में 47.60, गोहद में 48.99, सेंवढ़ा 56.34, भाण्डेर में 57.80 एवं दतिया में 58.70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। भीषण गर्मी में भी लोग महापर्व में हिस्सेदारी के लिए घर से निकले और उत्साह पूर्वक मतदान किया। यहां तक कि 80 से 90 वर्षीय बुजुर्ग भी मतदान करने के लिए घर से निकले।
अटेर में 46.00, भिण्ड में 45.50, लहार 50.50, मेहगांव में 47.60, गोहद में 48.99, सेंवढ़ा 56.34, भाण्डेर में 57.80 एवं दतिया में 58.70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। भीषण गर्मी में भी लोग महापर्व में हिस्सेदारी के लिए घर से निकले और उत्साह पूर्वक मतदान किया। यहां तक कि 80 से 90 वर्षीय बुजुर्ग भी मतदान करने के लिए घर से निकले।
कई पोलिंगबूथों पर देर से शुरू हुआ मतदान
यहां बतादें कि जिले में 1480 पोलिंगबूथों में से आधा सैकड़ा से ज्यादा मतदान केंद्रों पर निर्धारित समय के आधे घंटे बाद मतदान शुरू हो पाया। यदि समय सीमा में ईव्हीएम मशीनें चालू कर दी जातीं तो मतदान का प्रतिशत चार से पांच फीसद बढ़ सकता था। भिण्ड, अटेर एवं मेहगांव के अलावा गोहद विधानसभा क्षेत्र में कई मतदान केंद्रों पर ईव्हीएम देर से प्रारंभ हो पाईं।
यहां बतादें कि जिले में 1480 पोलिंगबूथों में से आधा सैकड़ा से ज्यादा मतदान केंद्रों पर निर्धारित समय के आधे घंटे बाद मतदान शुरू हो पाया। यदि समय सीमा में ईव्हीएम मशीनें चालू कर दी जातीं तो मतदान का प्रतिशत चार से पांच फीसद बढ़ सकता था। भिण्ड, अटेर एवं मेहगांव के अलावा गोहद विधानसभा क्षेत्र में कई मतदान केंद्रों पर ईव्हीएम देर से प्रारंभ हो पाईं।
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