लॉकडाउन और बारदाना की कमी के चलते सरकारी केंद्रों पर खरीद करीब एक माह देरी से शुरू हो पाई। आलम ये है कि 65 फीसदी से अधिक किसानों को मैसेज नहीं पहुंचे हैं। सिर्फ 6758 किसान 146258 क्विंटल सरसों बेच पाए हैं। सरकारी निर्देशों के अनुसार खरीद केवल 31 मई तक की जाएगी। कई किसानों ने 70 से 90 क्विंटल सरसों बेचने का रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन उन्हें मैसेज 40 क्विंटल बेचने के भेजे जा रहे हंै।
नुकसान से बचने मंडी में नहीं बेची
आलमपुर, दबोह, लहार की मंडियों में अभी तक सरसों का भाव 3750 से 3800 के बीच रहा है, जबकि सरकारी खरीद 4425 प्रति क्विंटल की है। नुकसान से बचने के लिए अधिकांश किसानों ने फसल रोक ली है, क्योंकि इस बार शादी विवाह का झंझट नहीं था। खरीद खत्म होने में सिर्फ 7 दिन का समय शेष रह जाने और बड़ी संख्या में किसानों के फसल बेचने से वंचित होने के कारण संकट खड़ा हो गया है।
कथन
77 क्विंटल खरीदने का रजिस्टे्रशन है। अभी तक मैसेज नहीं आया है। तीन दिनों से तो बारदाना खत्म हो जाने के कारण तौल ही नहीं हो रही। खरीफ की तैयारी के लिए पैसों की जरूरत है।
– शशिकांत त्रिपाठी, किसान जैतपुरा मढ़ी
बारदाना खत्म हो जाने से हमने खरीद बंद कर दी है, जिन किसानों को मैसेज दिया था वे अपना माल घर ले गए हैं। इस संबंध में अधिकारियों को बता दिया है।
– अखलेश राजपूत, समिति प्रबंधक आलमपुर
अभी तक बड़ी संख्या में किसानों की सरसों नहीं खरीदी गई है। हमने सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए। किसानों की पूरी सरसों खरीदी जाएगी।
-छोटेसिंह, कलेक्टर भिण्ड