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स्पोर्टस किट में ७९ लाख का घोटाला

locationभिंडPublished: Mar 28, 2022 03:51:24 pm

Submitted by:

Abdul Sharif

२०० रुपए की चीज का बिल भुगतान ४०० रुपए, विभागीय अफसरों ने आंखे मूंदी।

स्पोर्टस किट में ७९ लाख का घोटाला

स्पोर्टस किट में ७९ लाख का घोटाला



रविभान सिंह भदौरिया, भिण्ड। जिले के १६३५ प्राइमरी व मिडिल स्कूल एवं १७६ हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में खिलाडिय़ों की प्रतिभा को निखारने के लिए भेजी गई खेल सामग्री में ७९ लाख का घोटाला किया गया। ट्रैडिंग कंपनी निर्धारित राशि से कम राशि का घटिया सामान भेज रही रही हैं। कंपनी के जिम्मेदार से बात करने पर उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को वह पैसा दे रहा है।
सरकारी स्कूलों में ख्ेाल सामग्री के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है। सामान की जांच करने वाली समिति भी कारगर साबित नहीं हो रही हैं। मनमाने तरीके से घटिया सामान स्कूलों में भेजा जा रहा है। शिक्षक परेशान हो रहे हैं। जिले के सरकारी प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में खेेल सामग्री के लिए बजट मंजूर किया गया। इसमें प्राइमरी स्कूल में ५ हजार, मिडिल में १० हजार, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में २५ हजार रुपए के बजट में अच्छी क्वालिटी की खेल सामग्री स्कूलों में भेजने को मंजूरी शासन की ओर से दी गई। स्कूलों में घटिया सामग्री भेजी जा रही है। बाजार में यह सामग्री कम कीमत में मिल रही है। वहीं उसकी सरकारी कागजों में अधिक बताया जा रहा है। यही स्थिति हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में बन रही है। वहां पर २५ हजार रुपए के स्थान पर अधिक दस से बारह हजार का सामान सामान भेजा जा रहा है। वहीं कुछ केंद्रों से सामग्री को शिक्षक स्पोर्टस किट खराब होने के कारण लेने से इंकार कर रहे हैं।
फोटो कांपी कराके भेजे बिल :
सरकारी स्कूलों में भेजे गए स्पोर्टस किट के बिल में भी फर्जीबाड़ा है। उसमें बिल नंबर और तारीख लिखे बिना ही स्कूलों में भेज दिया गया। वहीं जिस जगह पर बिल नंबर लिखा है उसे काला कर दिया गया। लहार, मेहगांव और गोहद क्षेत्र ट्रैडिंग कपंनी की ओर से रेट लिस्ट डालकर बिल भेज दिए। नियमानुसार जीएसटी का इनवाइस भी तैयार नहीं किया गया है। जिले में ब्लॉक बाइज अलग अलग कंपनियों के बिल भेजे जा रहे हैं। जहां जिसकी सेटिंग होती है वहां उसके बिल भेजे जाने की प्रक्रिया जारी है।
फस्र्ट एड किट भी अधूरी :
सरकारी स्कूलों छात्रों को ख्ेाल के दौरान घायल या अचानक बीमार होने की स्थिति में उपचार के लिए फस्र्ट एड किट में भी कम दवाएं भेजी जा रही हैं। यह स्थिति प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल की है। प्राइमरी और मिडिल स्कूल में फस्र्ट एड किट को स्पोर्टस किट में ही शामिल किया गया है। इसमें प्राइमरी और मिडिल में ६०० रुपए की किट की बिलिंग की है। वहीं हाईस्कूल और हायर सेकंडरी में ११६० रुपए की बिलिंग की गई है।
कथन :
निर्धारित गुणवत्ता के हिसाब से यदि स्पोर्टस सामग्री सरकारी स्कूल में नहीं भेजी जा रही है तो इसकी जांच समिति से करवाकर कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में खेेल सामग्री अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए। जिसका उपयोग छात्र छात्राएं कर सकें।
डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर, भिण्ड।
कथन :
स्कूलों में खेल सामग्री की जांच के लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर समिति बनाई है। उसके बाद भी यदि अच्छी सामग्री नहीं है तो शिक्षक उसको लेने से इंकार कर दें। सामग्री स्कूलों के लिए हैं। यह निर्णय शिक्षक ले सकते हैं।
एचबीएस तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी, भिण्ड।
स्पोर्टस किट की स्थिति :
प्राइमरी स्कूल : ५ हजार रुपए
मिडिल स्कूल : १० हजार रुपए
हाईस्कूल : २५ हजार रुपए
हायर सेकंडरी : २५ हजार रुपए
जिले में प्राइमरी और मिडिल स्कूल : १६३५
हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल : १७६
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