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अष्टदृव्य की थाली में जलता दीपक देख पडक़ गए आचार्य प्रसन्न सागर, शहर में लगे 1008 चौके मौजूद थे करीब आठ हजार श्रद्धालु

locationभिंडPublished: Feb 03, 2020 11:45:56 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

इससे पहले 2 फरवरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र भी मिल चुका है।

अष्टदृव्य की थाली में जलता दीपक देख पडक़ गए आचार्य प्रसन्न सागर, शहर में लगे 1008 चौके मौजूद थे करीब आठ हजार श्रद्धालु

अष्टदृव्य की थाली में जलता दीपक देख पडक़ गए आचार्य प्रसन्न सागर, शहर में लगे 1008 चौके मौजूद थे करीब आठ हजार श्रद्धालु

भिण्ड. आचार्य प्रसन्न सागर के नवधा भक्ति पडग़ाहन (आहारचार्य) के लिए सोमवार को शहर में 1008 चौक लगाए गए। उनका आहारचार्य दूसरे संकल्प में पूरा हुआ। अष्टदृव्य की थाली में दीपक जलता देख आचार्य प्रसन्न सागर पडक़ गए। आहारचर्या उपरांत भिण्ड का नवधा भक्ति पडग़ाहन कार्यक्रम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया। यह पहला मौका है जब इस तरह के आयोजन को गिनीज बुक में दर्ज किया गया है। इससे पहले 2 फरवरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र भी मिल चुका है।
दूसरे संकल्प में पूरा हुआ आहारचार्य

बताया गया है, आचार्य प्रसन्न सागर का संकल्प पहले चार कलश के साथ खड़े युवक के घर पर जाकर आहार करने का था। महावीरगंज में चार कलश लिए खड़े मिले युवक को देख आचार्य पडक़ गए थे लेकिन जब वह युवक के पीछे-पीछे उसके घर तक पहुंचे तो दरवाजे पर ताला लगा देखकर बिना आहार किए लौट गए। दूसरा संकल्प अष्टदृव्य की थाली में दीपक जलता मिलेगा उसके यहां आहारचार्य करेंगे, जो हॉउसिंग कॉलोनी में
प्रभाष जैन के घर पर पूरा हुआ। जहां आचार्य ने आहारचर्या की। पीयूष सागर एवं एलक पर्व सागर ने भी अलग-अलग श्रद्धालुओं के घर उनका संकल्प मिल जाने पर आहारचर्या की।

हाथ बांधकर नहीं हाथ जोडक़र जिएं
पडग़ाहन से पूर्व प्रवचन के दौरान कीर्तिस्तंभ परिसर में आचार्य प्रसन्न सागर ने कहा कि हाथ बांधकर नहीं व्यक्ति को हाथ जोडक़र जीवन बिताना चाहिए। उन्होंने कहा हाथ बांधकर जिओगे तो अपने ही पराये हो जाएंगे। हाथ जोडक़र जिओगे तो पराये भी तुम्हारे हो जाएंगे। भारत वह देश है जहां अतिथि का स्वागत हाथ मिलाकर नहीं, हाथ जोडक़र किया जाता है। हाथ मिलाने का रिवाज पश्चिमी देशों का है।
10 हजार ने किया आधे दिन का व्रत

यहां बतादें कि आचार्य ससंघ के लिए जिन 1008 घरों में चौके लगाए गए थे उन घरों के सदस्य सुबह से निरआहार रहे। क्योंकि धर्म विधि अनुसार आचार्य ससंघ के आहार ग्रहण करने से पूर्व वह आहार नहीं ले सकते थे। आचार्य ससंघ का आहार दोपहर करीब 12 से 12:30 बजे हो पाया। लिहाजा शहर के करीब 10 हजार जैन श्रद्धालुओं का आधे दिन का व्रत हो गया।
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड का जल्द जारी होगा प्रमाण-पत्र

उल्लेखनीय है, पडग़ाहन कार्यक्रम के दौरान वल्र्ड रिकॉर्ड यूनियन, वल्र्ड किंग्स से दुंजा हैगमेन और एशिया एवं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से नीरजा रॉय चौधरी कार्यक्रम की रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। आचार्य संघ के आहार उपरांत टीम की ओर से उन्हें गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम का इंडिया वल्र्ड ऑफ रिकॉर्ड ने प्रमाण-पत्र प्रदान कर दिया है।
विधायक व सीएमओ का किया आचार्य ने सम्मान

सोमवार को दोपहर 3 बजे इटावा के लिए विहार करने से पूर्व आचार्य प्रसन्न सागर ने स्थानीय विधायक संजीव सिंह कुशवाह, बिजनौर विधायक राजेश शुक्ला, सीएसपी भिण्ड, थाना प्रभारी उदयभान सिंह, सीएमओ नपा सुरेंद्र शर्मा के अलावा नीरज शर्मा व प्रज्ञ संघ टीम का सम्मान किया। आचार्य ससंघ के लिए पडग़ाहन के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम देख शहर के अन्य समाज के लोग हतप्रभ रह गए।
-पडग़ाहन कार्यक्रम के बाद गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड टीम ने बताया, विश्व में इस तरह का कार्यक्रम पहली बार हुआ है इसलिए भिंड का नाम तैयार हुई रिपोर्ट के आधार पर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा रहा है।
मनोज जैन, प्रवक्ता नवधा पारणा भक्ति महोत्सव कार्यक्रम भिंड

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