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24 घंटे की बारिश से चढ़ी नदियां, डूबी गलियां

locationभिंडPublished: Aug 01, 2018 05:30:15 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

अमायन-मेहगांव-गोरमी के घरों में 6-6 फीट भरा पानी, लाखों रुपए का नुकसान का आकलन

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24 घंटे की बारिश से चढ़ी नदियां, डूबी गलियां

भिण्ड/मौ/गोरमी/आलमपुर/मेहगांव. जिले में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। आलम यह है कि गांव कस्बों में बस्तियां बाजार डूब में आ गए हैं। बरसाती नालों, नदियों व तालाबों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। आलमपुर में ग्वालियर दबोह मार्ग पर सोनभद्रिका नदी, अमायन में गहेली के बरसाती नाले की पुलिया एवं मौ कस्बे में मेहगांव-मौ-सेंवढ़ा हाईवे पर झिलमिल नदी के रपटा पुलों के ऊपर पर पांच-पांच फीट पानी चल रहा है। ऊमरी क्षेत्र के देवगढ़ गांव में बारिश के पानी ने बाढ़ लादी है। नदीपुलों व रपटों के बाढग़्रस्त हो जाने से इन पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है।
भर-भराकर गिर रहे हैं मकान

नयागांव थाना क्षेत्र के लहरोली गांव में जलभराव के चलते पुराने मकानोंका गिरना जारी है। मंगलवार तक धराशायी होने वाले मकानों का आंकड़ा लगभग 100 तक पहुंच गया है। मेहगांव व अमायन कस्बों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। चारों तरफ जलप्रलय जैसा माहौल है। अमायन में खण्डारोड, हाट बाजार,मझपट्टी, संत पटटी,बाल्मीक मोहल्ला सहित कई बस्तियां डूबी हुई हैं। गोरमी कस्बे में भी भारी जलभराव है व सड़कों पर पानी चल रहा है। खेरिया मोहल्ला पूरा जलमग्न है यहाँ रह रहे मजदूरों के दर्जन भर कच्चे मकान गिर गए, जिससे उन लोगों के पास सिर छिपाने की भी जगह नही बची है। वार्ड आठ में अरविंद थापक सुरेश रावत का मकान गिरने के साथ-साथ लगभग एक दर्जन घरों की दीवारे गिर गई। क्षेत्र के ग्राम गुलियापुरा का तालाब ओवरफ्लो होने से आसपास के गांवों में बाढ़़ का खतरा पैदा हो गया है।
थ्रीडी से खुदवाया पुलिया को

मेहगांव में मंगलवार को डूबग्रस्त इलाकों से जलनिकासी के लिए नपा के सीएमओ एनएल करोलिया एवं उपाध्यक्ष मुरारीसिंह गुर्जर ने थ्रीडी से गांधी रोड की सड़क व डिवाइडर के साथ आदिवासीपुरा की पुलिया को खुदवाकर चौड़ा करवाया। उधर भिण्ड शहर में भी अनेक निचली बस्तियां जलमग्र हैं। शहर के गोरी तालाब ने तटबंध तोड़ दिए हैं। विगत तीन दिनों से तालाब का पानी सड़क पर चल रहा है। वहीं आदिवासीपुरा, हनुमान रोड तथा चंदोखर की पार की निचली बस्तियों के तकरीबन 800 से ज्यादा मकान डूब गए हैं। गांधी रोड व हनुमान रोड पर 40 से ज्यादा किराना, कपड़ा, सीमेन्ट, खादबीज, जनरल स्टोर आदि की दुकानों में पानी भर जाने से व्यापारियों का करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है। यहां नगर परिषद के दफ्तर और अधिकारियों के सरकारी आवासों तक में पानी भरा हुआ है।
जलभराव से जनजीवन अस्तव्यस्त

जलभराव के शिकार गांव कस्बों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। लोग छतों के टिनशेडों व अन्य ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं। कई लोगों के घरों में पानी भर जाने से उनके यहां भण्डारित खाद्य सामग्री नष्ट हो गई है जिससे उनको भोजन की समस्या पैदा हो गई है।पालतू पशुओं के सामने भी आवास और चारे पानी का संकट है। मेहगांव विधायक चौधरी मुकेश सिंह ने जलभराव के शिकार इलाकों का पैदल दौरा करने के बाद प्रशासन को वहां जनजीवन सामान्य बनाने, लोगों के स्वास्थ्य, आवास व सुरक्षा के इंतजाम तत्परता से करने के निर्देश दिए हैं।
महिला घायल ऊमरी थाना अंतर्गत ग्राम बझाई में घर की दीवार गिरने से महिला मलबे की चपेट में आकर घायल हो गई। हादसा मंगलवार सुबह करीब आठ बजे का है। 75 वर्षीय श्रीकुमारी पत्नी बनवारी बघेल घर के आंगन में खड़ी थीं तभी अचानक उनके घर की दीवार भरभराकर गिर गई। लगातार हो रही रिमझिम बारिश से पानी घरों की दीवार में समा रहा है। स्थिति ये है कि एक के बाद एक पुराने जर्जर मकान धराशायी हो रहे हैं।

दबोह में अतिवृष्टि से बाढ़ के हालात, गलियों में भरा पानी नगर परिषद दबोह के सफाई अभियान की बारिश ने पोल खोल कर रखदी है। आधी रात से हो रही बारिश ने नगर के हर वार्ड में जलभराव कर दिया है। लोगों के घर पानी में आ गए हैं एवं सडकें गलियों पर पानी ही पानी नजर आ रहा है।
दबोह के हरिजन बस्ती, चौक मोहल्ला, रीछा मोहल्ला, कुरचानियाँ मोहल्ला, पतारा मोहल्ला, पोस्ट ऑफिस वाली गली आदि में जलभराव हुआ। कई वार्डो में कच्चे मकान धराशायी हुए हैं तो वहीं पक्के मकान भी पानी के कहर से ढहने की स्थिति में आ गए हैं। नगर परिषद द्वारा सफाई कार्य पर लाखों रुपए व्यय किए जाते हैं, पर नाले चोक होने से व पानी निकासी की व्यवस्था न होने से सारा बारिश का पानी सडकोंं व घरोंं में भर रहा है। नगर परिषद में 15 स्थाई सफाई कर्मचारी तथा 42 अस्थाई कर्मचारी काम करते हैं, जिनको हर माह 1 लाख 8 0 हजार रूपये वेतन के रूप में भुगतान किया जाता है। यहां बतादें कि दबोह इसके पहले भी 21 सितंबर 1990 को बाढ़ का कहर झेल चुका है।
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