scriptAngry MLA supporters protest against BJP due to ticket cancellation | टिकट कटने से नाराज भिण्ड विधायक समर्थकों का भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन | Patrika News

टिकट कटने से नाराज भिण्ड विधायक समर्थकों का भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन

locationभिंडPublished: Oct 22, 2023 02:01:12 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

टिकट कटने से नाराज भिण्ड विधायक संजीव सिंह कुशवाह संजू के समर्थकों ने रविवार को भाजपा के शीर्ष प्रदेश नेतृत्व व क्षेत्र के दोनों केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की।

विधायक समर्थकों का भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन
विधायक के घर पर जमा समर्थक
भिण्ड. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ नारेबाजी की और धरना भी दिया। उनके पोस्टर एवं बैनर भी जलाए। बता दें कि भिण्ड विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह को टिकट दिया है। शनिवार को सूची आने के बाद जहां नरेंद्र समर्थकों ने जश्न मनाया, वहीं वर्तमान विधायक के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया। शनिवार को विरोध की उम्मीद थी, लेकिन क्षेत्र के लोगों को एकत्र होने में समय लगा और रविवार को विरोध शुरू हो गया। विधायक समर्थकों ने हाइवे पर करीब 15 मिनट का धरना भी दिया। वहीं विकधायक के घर पर एकत्र होकर भाजपा नेतृत्व के खिलाफ विरोध भी जताया। विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि भाजपा के एक बड़े नेता ने व्यक्तिगत टसल के कारण उनका टिकट कटवाया है, हालांकि उन्होंने नाम नहीं लिया। लेकिन कयास है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उनका निशाना है। क्योंकि सितंबर में जब संस्कृति मैरिज गार्डन में पार्टी का एक कार्यक्रम हुआ था, उसमें सिंधिया और नरेंद्र कुशवाह की बॉडिंग दिखी थी। संजीव कुशवाह ने कहा कि वे अपने समर्थकों के साथ मंत्रणा करने के बाद अगले कदम पर निर्णय लेंगे। यदि समर्थक कहेंगे तो वे चिुनाव जरूर लड़ेंगे, किसी पार्टी से लड़ें या निर्दलीय। बता दें कि वर्ष 2018 के आम चुनाव में संजीव सिंह बसपा के टिकट पर 35 हजार से अधिक मतों से जीते थे। उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़े कांग्रेस से आए चौधरी राकेश सिंह को 35 हजार से अधिक मतों से हराया था और भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाह समाजवादी पार्टी से तीसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन संजीव सिंह कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद न केवल भाजपा सरकार के संपर्क में आ गए बल्कि बाद में उन्होंने भाजपा की सदस्यता भी ले ली। इसलिए वे मानकर चल रहे थे, कि टिकट उनका ही होगा। जब सूची में उनका नाम नहीं आया तो समर्थक आक्रोशित होकर सडक़ों पर उतर आए।
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