पशु अस्पताल नियमित रूप से नहीं खुलने के कारण पशुपालकों की प्राइवेट इलाज में जेब हलकी हो रही है। जबकि पशु अस्पताल की दीवार पर अस्पताल के खुलने की समय सारिणी भी अंकित है। सुबह 7 से 11 बजे तक और शाम को 5 से 06 बजे तक खुलने का समय लिखा गया है। इतना ही नहीं रविवार को अवकाश के दिन भी सुबह 08 से 10 बजे तक बीमार पशुओं को देखने के लिए समय लिखा गया है, लेकिन यह सब दिखावटी साबित हो रहा है।
फील्ड वर्क के नाम पर कर रहे प्राइवेट इलाज
अमायन कृत्रिम गर्भाधान केंद्र में पदस्थ चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ फील्ड वर्क के नाम पर विभिन्न गांवों के पशुपालकों से पैसा लेकर उनके बीमार पशुओं का इलाज कर रहे हैं। यही वजह है कि तीन लोगों के स्टाफ में से एक भी कर्मचारी अस्पताल में उपस्थित नहीं हो रहा है। वैसे तो अमायन में वरिष्ठ अधिकारियों का निरीक्षण सालों तक देखने को नहीं मिलता और यदि कोई पहुंच भी जाए तो उसे अमायन पशु अस्पताल के स्टाफ द्वारा फील्ड वर्क के नाम पर गुमराह कर दिया जाता है।
मेहगांव और भिण्ड जाकर मजबूरन लेना पड़ रहा पशुओं का इलाज
क्षेत्रीय पशुपालक कल्लू सिकरवार, रविंद्र चौहान, सोनू कुशवाह, छोटे सिंह, रामकुमार ने बताया कि अमायन अस्पताल के चक्कर लगाकर परेशान होने के उपरांत मजबूरन मेहगांव या जिला मुख्यालय जाकर बीमार पशुओं का इलाज लेना पड़ रहा है। ऐसे में किराये की मार तो पड़ ही रही है साथ ही पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। पशुपालकों ने बताया कि यदि समस्या का निराकरण शीघ्र नहीं किया गया तो कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे।
इन दिनों नेशनल एनीमल टीकाकारण कार्यक्रम चल रहा है जिसके तहत गांव-गांव पहुंचना पड़ रहा है। ऐसे में समस्या उत्पन्न हो रही होगी। अगले 10 दिन में अस्पताल नियमित रूप से खुलेगा।
एनएस सिकरवार, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं भिण्ड
एनएस सिकरवार, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं भिण्ड