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कीट नाशक व खाद छिडक़ाव के अलावा प्रशिक्षित किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बनेंगे ड्रोन

locationभिंडPublished: May 20, 2023 10:49:24 pm

Submitted by:

Abdul Sharif

प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाने के लिए प्रदेश के दो शहर हुए चिन्हित, अगस्त माह से शुरू हो सकेगा ड्रोन प्रशिक्षण

कीट नाशक व खाद छिडक़ाव के अलावा प्रशिक्षित किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बनेंगे ड्रोन

कीट नाशक व खाद छिडक़ाव के अलावा प्रशिक्षित किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बनेंगे ड्रोन

ग्वालियर. किसानों के जीवन में ड्रोन का उपयोग बेहद फायदेमंद होने जा रहा है। ड्रोन उड़ाने में माहिर किसान न केवल अपनी फसलों में कीटनाशक व पोषक दवाओं और खाद का छिडक़ाव कर सकेंगे बल्कि उसे भाड़े पर चलाकर अतिरिक्त आय भी कर सकेंगे।
फिलहाल किसानों को ड्रोन उड़ाने के प्रशिक्षण के लिए शासन स्तर पर मध्य प्रदेश के जबलपुर व एवं भोपाल में केंद्र स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दोनों केंद्र पर प्रदेश भर के इच्छुक किसान प्रशिक्षण ले सकेंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रशिक्षण की शुरूआत अगस्त माह से शुरू होगी। प्रशिक्षण के बाद संबंधित किसान को ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस भी मिलेगा।
– 15 किलो वजन लेकर उडऩे वाले ड्रोन की खरीदी पर 40 फीसदी मिलेगा अनुदान
15 केजी वजन लेकर खेतों के ऊपर उड़ सकने वाले ड्रोन की अनुमानित कीमत सात लाख रुपए बताई गई है। किसानों को ड्रोन की खरीदी पर 40 फीसदी अनुदान शासन मिलेगा। ये अनुदान बैक एण्डेड सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। यानि पूरी किश्तों की अदायगी के बाद संबंधित किसान के खाते में अनुदान की राशि पहुंचाई जाएगी।
– 30 हजार रुपए है ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण शुल्क, इसमें 50 फीसद राशि सरकार वहन करेगी
ड्रोन उड़ाने के प्रशिक्षण के एवज में प्रशिक्षिणार्थी किसान को 30 हजार रुपए शुल्क देना होगा। हालांकि 50 फीसदी यानि 15 हजार रुपए सरकार वहन करेगी। प्रशिक्षण की अवधि एक माह रखी गई है।
– एक दिन में 60 से 65 बीघा जमीन की फसल पर छिडक़ाव करेगा ड्रोन
पुरानी पद्धति से किसान अपने खेतों में एक दिन में बमुश्किल दो बीघा खेत में छिडक़ाव कर पाते हैं। जबकि ड्रोन के जरिए 22 से 25 एकड़ भूमि यानि 60 से 65 बीघा पर खड़ी फसल में कीटनाशक या यूरिया का छिडक़ाव किया जा सकेगा।
– ड्रोन का उपयोग किसानों के कृषि कार्य में क्रांति लाएगा
ड्रोन का उपयोग किसानों के लिए कृषि कार्य में क्रांति लाने का काम करेगा। ड्रोने उड़ाने के प्रशिक्षण के लिए भोपाल व जबलपुर में केंद्र बनाए जा रहे हैं।
जीसी मसकोले, संभागीय कृषि यंत्री ग्वालियर
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