थल सेना के कर्नल एवं भर्ती रैली निदेशक एसएस नेगी एवं कैप्टन सुधींद्र कुमार ने भिण्ड में भर्ती रैली के लिए स्थान चयन करने के लिए जिले का भ्रमण किया। भर्ती के लिए लहार के रावतपुरा एवं मेहगांव के दंदरौआ मंदिर के पास मैदान को देखा। हालांकि इन दोनों स्थलों में से भर्ती कहां की जाएगी यह अभी तय नहीं किया गया है। भर्ती के लिए तिथि भी तय नहीं की गई है जबकि यह तय है कि अक्टूबर से लेकर दिसंबर 2018 के बीच ही भर्ती की जाएगी।
भर्ती रैली में अड़ंगा बन रहा विधानसभा चुनाव : अक्टूबर से लेकर दिसंबर माह के बीच होने जा रही सेना की भर्ती रैली में विधानसभा चुनाव बाधा उत्पन्न कर रहा है। विदित हो कि विधानसभा चुनाव भी नवंबर से दिसंबर के बीच ही होना है। ऐसे में जिले का पुलिस बल चुनाव सेना भर्ती रैली की सुरक्षा व्यवस्था में कैसे रह पाएगा ये मसला आड़े आ रहा है। यहां बता दें कि प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर पूर्व में आयोजित भर्ती रैलियों में भिण्ड जिले के आठ से 10 हजार युवा पहुंचते रहे हैं। भिण्ड से आवेदकों की इसी बड़ी संख्या को ध्यान में रखकर सेना के अधिकारियों ने इस बार भिण्ड में भर्ती रैली के आयोजन का निर्णय लिया है।
अलग-अलग जिलों में भर्ती कराने का सुझाव संभागभर से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के जमा होने के अनुमान के चलते पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने सेना के अधिकारियों को सुझाव दिए हैं कि वे ग्वालियर क्षेत्र के अभ्यर्थियों के लिए ग्वालियर, मुरैना जिले के आवेदकों के लिए मुरैना में भर्ती रैली का आयोजन करें तो आवेदकों की संख्या बंट जाएगी। कम संख्या होने पर वे आसानी से सुरक्षा व्यवस्था के लिए बल उपलब्ध करा सकेंगे। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि यदि भर्ती का आयोजन विस चुनाव के बाद कराते हैं तो उन्हें सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
एक लाख आवेदकों के आने का अनुमान कर्नल नेगी व कैप्टन सुधींद्र के मुताबिक आर्मी में 600 रिक्तियों के लिए जवानों की भर्ती की जा रही है। भर्ती रैली में चंबल संभाग भर से करीब एक लाख अभ्यर्थियों के उमडऩे का अनुमान है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की बेहद आवश्यकता है अन्यथा ग्वालियर में भर्ती के दौरान हुए उपद्रव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
1980में हुई थी आखिरीबार भर्ती विदित हो कि भर्ती रैली आखिरीबार भिण्ड में 1980 के दशक में हुई थी। शहर के वाटरवक्र्स इलाके में सेना के अधिकारियों का कैंप लगता था जहां संभाग भर से आवेदक भर्ती में शामिल होने के लिए आते थे।