28 युवकों को नौकरी का झांसा देकर ले गए मुंबई, बंधक बनाकर बिल्डिंग निर्माण में करवाई मजदूरी
भिण्ड पुलिस ने रिहा कराए, युवकों ने सोशल मीडिया पर डाला था व्यथा का वीडियो

भिण्ड. एक सप्ताह पूर्व महाराष्ट्र के मुंबई में किसी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ले जाए गए भिण्ड जिले के 28 युवकों को बंधक बनाकर उनसे बहुमंजिला भवन निर्माण कार्य में मजदूरी कराई जा रही थी। इसके एवज में उन्हें मजदूरी भी नहीं दी जा रही थी। 18 जनवरी को डीएसपी हेडक्वार्टर भिण्ड की मदद से सभी बंधक युवकों को मुक्त करा लिया गया है।
जानकारी के अनुसार अनिल कुमार निवासी कोंहार भिण्ड के जरिए भिण्ड जिले के दतावली निवासी रॉकी जाटव, दिवाकर जाटव, पप्पी जाटव, कप्तान सिंह, राकेश सिंह, विजय सिंह, धर्मेंद्र सिंह, टिंकू जाटव, अर्जुन सिंह एवं ग्राम जाजेपुरा फूप से भारत सिंह, प्रेम सिंह एवं अटेर के उदोतगढ़ से शिवांश सिंह सहित २८ युवकों को अच्छी कंपनी में १६ हजार रुपए महीने की पगार के अलावा खाना और रहना अलग से व्यवस्था देने का झांसा देकर महाराष्ट्र के मुंबई ले जाया गया। खड़पाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक विरला वान्य मल्टी बिल्डिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में युवकों को ले जाया गया। युवकों से बहुमंजिला भवन निर्माण कार्य करने के लिए कहा गया तो उन्होंने घर वापस जाने की बात कही।
परिसर में किया बंद
कंपनी प्रबंधक द्वारा उपरोक्त युवकों को बंधक बना लिया गया और काम नहीं करने की स्थिति में खाना देना भी बंद कर दिया। लिहाजा जबरन काम कराया गया। युवकों से कहा गया था कि उन्हें काम भी करना पड़ेगा और वह वहां से निकल भी नहीं पाएंगे। सभी युवकों को एक परिसर में बंद कर दिया गया था जहां से युवकों ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। उक्त वीडियो की मदद से भिण्ड निवासी भीमसेना के कार्यकर्ता लवलेश खैर ने इसकी जाकनकारी डीएसपी हेडक्वार्टर भिण्ड मोतीलाल कुशवाह के अलावा कलेक्टर भिण्ड वीरेंद्र नवल सिंह रावत व सीआईडी के सुरेश आर्य को दी।
दिखाई सक्रियता
भिण्ड पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मंबई के खड़पाड़ा थाना पुलिस से संपर्क कर पूरी कहानी बताई। ऐसे में स्थानीय पुलिस ने दबिश देकर सभी बंधक युवकों को न सिर्फ मुक्त कराया बल्कि उनका मेहनताना भी दिलाया। बता दें कि सभी युवक ०७ जनवरी को मुंबई पहुंचे थे और करीब १0 दिन तक उनसे जबरन भवन निर्माण कार्य में मजदूरी कराई गई। सभी युवक पुलिस की मदद से सकुशल गृहगांव पहुंच गए हैं।
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