पुलिस के अनुसार 18 वर्षीय राहुल बघेल पुत्र रमेश बघेल निवासी सरोज नगर २० सितंबर की रात करीब 8बजे अपने फुफेरे भाई देव सिंह की बाइक मांगकर लाया जिस पर वह छोटे भाई पीयूष को बैठाकर बुआ के घर जाने के बहाने ले गया और अंधेरे में गौरी तालाब में फेंक दिया था। दो दिन बाद जब पीयूष का शव पानी के बाहर आया तो प्रारंभिक तौर पर लग रहा था कि बालक धोखे से तालाब में गिर गया होगा, लेकिन पुलिस की तफ्तीश ने सारी हकीकत खोल दी।
आरोपी राहुल बघेल ने पुलिस को बताया कि उसके पिता अहमदाबाद में रहकर काम धंधा करते हैं जबकि उसके चाचा के साथ उसकी मां के अवैध संबंध हैं। ऐसे में लोग उसे ताना मारते थे कि उसका छोटा भाई उसके पिता की नहीं बल्कि चाचा की औलाद है। ऐसे में वह बेहद घुटन और लज्जा महसूस कर रहा था। सीएसपी आलोक राय एवं थाना प्रभारी सिटी कोतवाली उदयभान सिंह यादव ने की बारीकी से पड़ताल में कत्ल की सारी हकीकत दो दिन में सार्वजनिक कर दी।
ऐसे खुला हत्या का राज पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में राहुल बता रहा था कि पीयूष को मछली चुगाने का शौक है जबकि उसकी बुआ केशवती व अन्य लोगों ने बताया कि वह कभी मछली चुगाने जाता ही नहीं था। इसके अलावा पीयूष के मोबाइल नंबर पर आखिरी कॉल राहुल ने ही किया था जिसे उसने पुलिस से छिपा दिया था। बाद में जब पुलिस ने राहुल से कड़ाई से पूछताछ की तो राहुल टूट गया और उसने सबकुछ उगल दिया।
गेहूं पिसवाने का कहकर ली बाइक राहुल ने फुफेरे भाई देव बघेल से उसकी बाइक यह कहकर मांगी थी कि वह गेहूं पिसवाने के लिए चक्की पर बोरी ले जा रहा है, लेकिन जब पुलिस ने घर पर इस संबंध में जानकारी ली तो उस दिन गेहूं पिसवाने के लिए भेजे ही नहीं गए थे। राहुल अपने ही चक्रव्यू में फंस गया।
मां को भी मारने की थी योजना पुलिस की मानें तो राहुल पीयूष को मारने के बाद अपनी मां सत्यवती को भी मौत के घाट उतारने की योजना बना रहा था। यदि पीयूष की हत्या में वह नहीं पकड़ा जाता तो जल्दी ही वह अपनी मां की भी हत्या को अंजाम दे देता। उसने बताया कि वह समाज में इज्जत के साथ जी नहीं पा रहा था। कभी-कभी खुदकुशी करने का मन भी करता था।