वर्ष 2013 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए चौधरी राकेश सिंह पर संगठन ने उन पर भरोसा जताते हुए सिटिंग विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह का टिकिट काट दिया है वे सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। जबकि कांग्रेस ने संगठन के ही जिलाध्यक्ष रमेश दुबे पर दांव खेला है। रमेश दुबे ज्योतिरादित्य सिंधिया के निकटतम कहे जाते हैं। मेहगांव में भाजपा ने वर्ष 2013 में अपने ही संगठन से बगावत कर विधानसभा चुनाव लड़े पूर्व विधायक राकेश शुक्ला को टिकिट दिया है जबकि कांग्रेस ने गोहद में पूर्व विधायक रणवीर जाटव को प्रत्याशी बनाया है। रणवीर जाटव को वर्ष 2013 में तत्कालीन विधायक होने के बाद भी टिकिट नहीं दिया था।
भिण्ड विधानसभा-नाराजगी दूर करने वर्तमान विधायक का टिकिट काटकर चौधरी राकेश सिंह को दिया टिकिट
– 54 वर्षीय चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी भिण्ड विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस में रहते वे मध्य प्रदेश विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष भी रहे। माना जाता है कि भाजपा में आने के बाद सीएम द्वारा किए गए वादों में से एक वादा उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने का था जो पूरा नहीं हो पाने से चौधरी राकेश सिंह स्वंय को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। उनकी इसी नाराजगी को खत्म करने भाजपा ने वर्तमान विधायक नरेंद्र सिंह का टिकिट काटकर उन्हें उम्मीदवार घोषित किया है। जब उनका टिकिट घोषित हुआ वे गोवर्धन पूजा कर रहे थे। खबर फैलते ही कार्यकर्ता उनके बाड़े में बधाई देने पहुंचना शुरू हो गए थे। उनके समर्थकों का मानना है कि वे दल से ज्यादा व्यक्ति पर भरोसा करते हैं। भिण्ड विस क्षेत्र में शहर की जर्जर सडक़ें, सीवर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार, युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध न होने के अलावा कई वार्डों में जल निकास के प्रबंध नहीं हो पाना बड़ी समस्या है।
मेहगांव विस- जन साधारण में अच्छी पकड़ के चलते मिला टिकिट
– 48 वर्षीय राकेश शुक्ला भाजपा से ही दो बार विधायक रह रह चुके हैं। वे 1998 में पहलीबार विधायक बने उसके बाद वर्ष 2003 का चुनाव वे हार गए थे। वर्ष 2008 में वे पुन: भाजपा के टिकिट से चुनाव लड़े और जीते। वर्ष 2013 में सिटिंग एमएलए रहते उनका टिकिट काट दिया गया था। क्षेत्र में लोगों के बीच उनकी अच्छी पकड़ के चलते उनका टिकिट हुआ है। टिकिट की सूचना जब मिली तब वे क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे थे। कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर पहुंचकर खुशी जाहिर की। उधर राकेश शुक्ला का कहना है कि वे इस बार अपने टिकिट को लेकर पूर्व से ही आश्वस्त थे। उनके समर्थकों में टिकिट होने के बाद खासा उत्साह नजर आ रहा है। मेहगांव विस क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा के लिए कॉलेज न होना, रोजगार के लिए अवसर नहीं होना तथा जर्जर सडक़ें और पेयजल अव्यवस्था प्रमुख समस्याएं हैं।
ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र: स्मार्ट सिटी में शामिल हुआ क्षेत्र लेकिन न सडक़ें सुधरीं, न ही आया साफ पानी
गोहद विस सुरक्षित सीट, वर्ष 2013 में विधायक रहते कटा था टिकिट इसलिए वर्ष 2018 के लिए बनाया प्रत्याशी
– 34 वर्षीय रणवीर जाटव जिले के सभी बड़े दलों के प्रत्याशियों में युवा उम्र के हैं। वे मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक थे। उनके पिता कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के बाद वर्ष 2009 में हुए उपचुनाव में रणवीर जाटव पहलीबार विधायक चुने गए थे। जिस समय टिकिट की घोषणा की गई वे क्षेत्र में जनसंपर्क करने के उपरांत ग्वालियर स्थित अपने आवास पर जा रहे थे। कांग्रेस द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने की खबर सुनकर वे सीधे अपनी मां के पास पहुंचे जहां लिया। टिकिट होने की सूचना पर कार्यकर्ताओं का हुजूम भी उनके आवास पर बुधवार की रात में ही जमा हो गया जबकि उस समय दीपावली पूजन की बेला थी। वर्ष 2013 में उनके विधायक रहते संगठन ने टिकिट नहीं दिया था। बदले में उन्होंने बगावत करने के बजाए कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशी का समर्थन कर निष्ठा जताई। ऐसे में संगठन ने इस बार रणवीर जाटव को प्रत्याशी बनाया है। गोहद विस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या खारे पानी की है। वहीं मालनपुर की फैक्ट्रियों में क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार नहीं मिलना भी समस्या है।
भिण्ड विस- ज्योतिरादित्य के करीबी होने से मिला टिकिट
– 49 वर्षीय रमेश दुबे दूसरी बार विधानसभा चुनाव मैदान में हैं। इससे पूर्व वे वर्ष 2003 में बहुजन संघर्ष दल के टिकिट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे। हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने नामांकन दाखिल किया था कांग्रेस से टिकिट होने की उम्मीद पर लेकिन बाद में टिकिट नहीं हुआ तो उन्होंने चुनाव प्रचार नहीं किया तथा लोगों से वोट भी नहीं मांगे थे। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया के निकटतम माने जाते हैं। कहा जा रहा है ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबियों के चलते ही उनका टिकिट भी हुआ है। बुधवार की रात उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने की सूचना मिली तो वे दीपावली पूजन के लिए जा रहे थे। बाद में कार्यकर्ताओं के फोन बधाईयों के लिए आने लगे। हालांकि कार्यकता कांग्रेस की ओर से उनका नाम घोषित किए जाने के बाद से उत्साहित हैं। भिण्ड विस क्षेत्र में सीवरलाइन निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार, शहर की जर्जर सडक़ें प्रमुख बड़ी समस्याएं हैं। वहीं युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध नहीं होना भी समस्या है।