यूक्रेन में छात्रों को दहला रहे धमाके
यूक्रेन में फंसे भिण्ड के छात्रों की संख्या हुई चार, वीडियो कॉल पर बोले छात्र खत्म हुआ पेयजल, देर शाम तक के लिए बचा राशन, एंबेसी से नहीं हो पा रहा संपर्क
भिंड
Published: February 26, 2022 08:25:44 pm
अब्दुल शरीफ भिण्ड. यूक्रेन में फंसे भिण्ड के छात्रों की संख्या बढक़र चार हो गई है। शनिवार को छात्रों से पत्रिका के अलावा उनके परिजनों से वीडियो कॉल पर हुई बातचीत में बताया कि एंबेसी से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। जबकि उनके पास खाने का राशन देर शाम तक के लिए ही बचा है। सारे एटीएम कैश लेस हो गए हैं। ट्रांजेक्शन व्यवस्था भी ठप है। और तो और पेयजल भी खत्म हो गया है। तीन छात्र मेट्रो स्टेशन के टनल में शरण लिए हुए हैं जबकि एक छात्र को रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भिण्ड के अंगदपुरा निवासी ऋषिकेश नरवरिया एवं गोरमी भिण्ड के ग्राम मेंहदौली निवासी अरमान खान के अलावा दो और छात्र भिण्ड शहर के पुरानी बस्ती वार्ड २६ निवासी सागर शर्मा पुत्र नवप्रकाश शर्मा एवं गोहद विकास खण्ड के ग्राम सर्वा निवासी गौरव तोमर पुत्र सोबरन सिंह तोमर भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। बम धमकों की दहशत के बीच वक्त बिता रहे छात्रों ने वीडियो कॉल पर बताया कि उनका एंबेसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। जबकि उनके पास पेयजल खत्म हो चुका है। वहीं खाने के लिए राशन शाम तक खत्म हो जाएगा। मनी ट्रांजेक्शन ठप है। सभी एटीएम कैश लेस पड़े हैं।
बॉक्स- दर्द की कहानी छात्रों की जुबानी
गोहद के ग्राम सर्वा निवासी गौरव तोमर १० सितंबर २०२१ को यूक्रेन गए थे। उनका एबीबीएस का यह पांचवा वर्ष है। वर्ष २०२३ में उनकी डिग्री पूरी होने जा रही थी। इससे पूर्व ही युद्ध शुरू हो गया। फिलहाल गौरव तोमर यूक्रेन के खारकीव के मेट्रो टनल में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बॉर्डर तक छोडऩे के एवज में १० गुना अधिक किराया मांगा जा रहा है। गौरव के पिता सोबरन सिंह इंदौर में टोल प्लाजा में नौकरी कर अपने बेटे को डॉक्टर बनाने का ख्वाब सजाए हुए थे। जहां गौरव शरण लिए है वहां आसपास का इलाका बम धमाके से तहस नहस हो गया है। इधर एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष के छात्र सागर शर्मा ने परिजनों को वीडियो कॉल पर बताया कि वह अपने साथी ७० छात्रों के दल सहित ईवेनो शहर में है। जहां से उसे बस के माध्यम से रोमानियां बॉर्डर तक ले जाने का आश्वासन दिया गया है। बॉर्डर की दूरी करीब १५०० किमी है। स्थानीय स्तर पर छात्रों को बॉर्डर तक छोडऩे के एवज में निर्धारित किराए से १० गुना अधिक किराया भी वसूला जा रहा है। वहीं ऋषिकेश नरवरिया यूक्रेन के ओजहोरोड सिटी में फंसे हुए हैं जबकि अरमान खान बोरिस प्लिस्का के पास कीव एवं ग्रोवरी के बीच एक बंकर में शरण लिए हुए हैं। जिस जगह अरमान रह रहा है वहां बंकर के अंदर भी धमाके की आवाजें सुनाई दे रही हैं। बड़ी परेशानी ये है कि छात्रों के पास पेयजल खत्म हो गया है जबकि राशन भी चंद घंटों में खत्म हो जाएगा। ऐसे में स्थानीय प्रशासन से उन्हें बॉर्डर तक पहुंचाने का ठोस आश्वासन नहीं मिलना उनकी दहशत को हवा दे रहा है।
बॉक्स- अरमान के माता-पिता बोले सबकुछ दांव पर लगाकर बेटे को डॉक्टर बनाने यूक्रेन भेजा था इकलौता बेटा
अरमान खान की मां रुखसाना एवं पिता भिखारी खान ने पत्रिका को बताया कि अपनी सारी जमा पूंजी दांव पर लगाकर इकलौते बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना पूरा करने के लिए यूक्रेन भेजा था। बेटे से वीडियो कॉल पर हो रही बात के दौरान दहशत का जो तांडव सामने आ रहा है वह देख-सुनकर उनका कलेजा फट रहा है। उधर गौरव तोमर के पिता सोबरन सिंह तोमर कहते हैं जीवन भर की कमाई बेटे को डॉक्टर बनाने पर खर्च कर दी। अब जब डिग्री पूरी होने वाली थी तो युद्ध के आपात ने उसके जीवन में बड़ा संकट उत्पन्न कर दिया है।
कथन-
भिण्ड जिले के यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों के संदर्भ में राज्य शासन को अवगत करा दिया गया है। जहां से दूतावास के माध्यम से फ्लाइट सरहदी देशों के लिए रवाना किए जाने की सूचना है। छात्रों को सुरक्षित भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर भिण्ड
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