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दूसरे कारणों से टूट रहे रिश्तों के मामलों को मिल रहा दहेज प्रताडऩा का नाम

locationभिंडPublished: Dec 12, 2022 04:04:09 pm

Submitted by:

Abdul Sharif

महज दो फीसद मामले ही दहेज से जुड़े, शेष में कारण, पति, पत्नी का मोबाइल पर व्यस्त रहना, चरित्र संदेह, शॉपिंग के लिए खर्चा नहीं देना आदि

दूसरे कारणों से टूट रहे रिश्तों के मामलों को मिल रहा दहेज प्रताडऩा का नाम

दूसरे कारणों से टूट रहे रिश्तों के मामलों को मिल रहा दहेज प्रताडऩा का नाम

ग्वालियर. जिले के पुलिस थानों में औसतन दहेज प्रताडऩा के दो प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। पिछले तीन साल में दहेज एक्ट के तहत 1664 मामले दर्ज हुए हैं। दहेज के मामलों पर अध्ययन कर रहे सामाजिक संगठन के अनुसार दहेज के रूप में दर्ज उपरोक्त मामलों में से महज दो फीसद ही प्रकरण दहेज समस्या से जुड़े हैं जबकि शेष मामलों में वजह अलग ही पाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर जिले में वर्ष 2020 में 535 प्रकरण दर्ज किए गए। जबकि वर्ष 2021 में 605 और वर्ष 2022 में नवंबर माह तक दहेज प्रताडऩा के तहत 524 मामले दर्ज किए गए हैं। दहेज के मामलों को लेकर महिला संरक्षण समिति के संचालक एसव्ही सिंह द्वारा किए जा रहे अध्ययन एवं कराए जा रहे सर्वे के अनुसार दर्ज हुए मामलों में से 98 फीसद प्रकरणों की असल वजह दूसरी रही हैं। शादी के वक्त उपहार स्वरूप दिए जाने वालो साजो सामान तथा नकदी को युगल जोड़े के बीच खटास उत्पन्न होने की दशा में दहेज का नाम दे दिया जाता है। ऐसे में पुलिस विवेचना में भी उपरोक्त मामले झूठे साबित नहीं हो पा रहे।
– इन प्रमुख वजहों से बिखर रहे दांपत्य रिश्ते
सामाजिक संगठन के सर्वे एवं अध्ययन के अनुसार शादी के बाद एक दूसरे के विचारों मेल नहीं होने के अलावा शॉपिंग खर्च मंशानुसार नहीं दे पाना, मोबाइल पर महिला या पति का व्यस्त रहना, चरित्र संदेह, एक दूसरे की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाना तथा पीहर की व्यवहारिकता ससुराल में समाहित नहीं हो पाना तथा काम करने के तौर तरीके पसंद नहीं आने जैसी कई और कारणों का दांपत्य रिश्ते तोडऩे में किरदार सामने आ रहा है।
– रिश्ते को टूटने से ऐसे बचाएं
दांपत्य जीवन बिखरने से बचाने के लिए जोड़े को एक दूसरी की भावनाओं का खयाल करने की जरूरत है। ठेस पहुंचाने वाली बात या ऐसा कोई भी काम करने से बचना होगा। पत्नी को पति की आयमदनी के मुताबिक अपनी जरूरतें रखनी होंगी। वहीं पति को पत्नी की छोटी-छोटी खुशियों का खयाल भी रखने की जरूरत है। एक दूसरे का भरोसा जीतने के के लिए प्रयासरत रहना आवश्यक है एवं एक दूसरे के प्रति नफरत का भाव नहीं पनपने देना चाहिए।
नीतेश जैन, सामाजिक कार्यकर्ता
– कानून का गलत उपयोग नहीं होना चाहिए
निजी टीस को पूरा करने के लिए कानून का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए। दरअसल थाने और न्यायालय के चक्कर से बचने के लिए शादीशुदा जोड़े को एक दूसरे के साथ भावनात्मक जुड़ाव रखने की जरूरत है। पति और पत्नी को हर वक्त ये सवाल जीवंत रखकर उसका जवाब तलाशते रहना चाहिए कि उसका जीवन साथी उसे सबसे ज्यादा चाहे। इसलिए एक दूसरे की जरूरत बनकर अभिन्न अंग बनने का प्रयास करते रहने की जरूरत है।
हिना खान, डीएसपी महिला थाना ग्वालियर
-रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंचने वाले जोड़ों की ठीक से नहीं हो रही कॉउंसिलिंग
शादीशुदा जोड़े के बीच किसी भी वजह से उत्पन्न होने वाले मनभेद के दौरान उन्हे बेहतर कॉउंसिलिंग की जरूरत होती है। ठीक से समझाइश नहीं हो पाने के कारण रिश्ते टूट रहे हैं। अलग-अलग वजहों से टूट रहे दांपत्य रिश्तों को दहेज प्रताडऩा का नाम दिया जा रहा है। जबकि दर्ज हो रहे मामलों में महज दो फीसद प्रकरण ही दहेज से संबंधित रहते हैं।
शिवभान सिंह राठौर, सेवा प्रदाता महिला एवं बाल विकास समिति
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