आलमपुर कस्बे के आसपास 50 से ज्यादा आम, जामुन एवं अमरूद के बगीचे हुआ करते थे। पिछले कुछ वर्षों से बगीचों की लगातार कटाई हो रही है। कुछ साल पहले आलमपुर में आम, जामुन एवं अमरूद की मंडी लगती थी। नगर के आसपास के क्षेत्र से धीरे-धीरे बगीचे गायब हो रहे हैं।
जो अभी बचे हैं वह भी लकड़ी तस्करों के निशाने पर हैं। आलमपुर से भडेरी जाने वाले मार्ग पर निरंतर फलदार पेड़ों की कटाई की जा रही है। कई लोगों ने इसे लेकर बार-बार प्रशासन को अवगत कराया है।
शिकायत के बाद आनन-फानन में पहुंचा अमला शिकायत पर तहसीलदार का कहना था कि उनके पास एेसी कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद आनन-फानन में प्रशासनिक अमला पेड़ कटाई वाली जगह पर पहुंचा तो आरा मशीन से काटे गए कई वृक्षों की लकड़ी मौके पर ही जब्त की गई।
सार्वजनिक स्थानों पर कटे पड़े वृक्ष काटे गए वृक्ष सार्वजनिक स्थानों पर पड़े हैं। तस्करों द्वारा दो साल से पेड़ों को ट्रक में लादकर ले जाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार सभी विभागों व अधिकारियों को इसकी जानकारी है, लेकिन इसके बाद भी धड़ल्ले से कारोबार चल रहा है।
थाने से महज आधा किमी की दूरी पर बड़ी मात्रा में हो रही कटाई आलमपुर थाने से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर ही भारी मात्रा में पेड़ों की कटाई की गई है। वृक्षों की कटाई में स्थानीय दलाल भी बाहरी व्यापारियों के साथ सक्रिय हैं, जो कस्बे के बाहर लकड़ी की गाडिय़ां ले जाने में मदद कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर भी लकड़ी तस्करों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है।
मेरे साथ क्षेत्र के पटवारी ने मौके का निरीक्षण किया है। मौके पर कटे हुए पेड़ भी देखे गए हंै। टीम को देखकर पेड़ काटने वाले भाग गए। एक कुल्हाड़ी जब्त की गई है। पूरी जानकारी तहसीलदार को दी जा रही है।
मुन्नालाल जमोरिया, राजस्व निरीक्षक, आलमपुर आलमपुर में बगीचों में फलदार हरे पेड़ काटने की जानकारी मिली है। मौके पर आरआई एवं पटवारी को भेजने पर जानकारी सही पाई गई है। किसने पेड़ काटकर बेचे हैं इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र मौर्य, नायब तहसीलदार, आलमपुर