अर्चना तिवारी दतेरा बंगरा यूपी हाल चंद्रवतीगंज उज्जैन के अनुसार उसके पति 39 वर्षीय पति आनंद तिवारी के कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्हें इंदौर अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां एक लाख रुपए कीमत में रेमडेसिविर इंजेक्शन भी लगवाए। सुधार नहीं होने की स्थिति में उन्हें 17 अप्रैल को भिण्ड जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। अर्चना के भाई गौरव पचौरी ने बताया कि जब उन्हें भिण्ड लाया गया तब उनका ऑक्सीजन लेवल 80 था जबकि चार दिन के उपचार में लेवल बढक़र 100 के ऊपर पहुंच गया था।
डॉक्टर बोले थे- मरीज को जिंदा करवा लिया दिल्ली के चिकित्सकों को भी इलाज की फाइल दिखवाई तो उन्होंने बताया कि अच्छा इंपू्रव हुआ है, यह समझो कि मरीज को जिंदा करवा लिया आपने। सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तीन दिन से टूटे पड़े उनके मास्क को बदला नहीं जा रहा था। तीन जगह टेप लगा दिए गए पर मास्क को बदलवाया नहीं जा सका। मास्क टूटा होने के कारण पर्याप्त मात्रा में मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। जब वह बुधवार की सुबह ७ बजे शौच से लौटा तो उसके बहनोई आनंद तिवारी की मौत हो चुकी थी।
नर्स बोली – डॉक्टर कॉल रिसीव नहीं कर रहे हम क्या करें गौरव के अनुसार हालत बिगडऩे पर जब नर्स को कॉल किया तो उसने झल्लाकर कहा, एक भी चिकित्सक कॉल रिसीव नहीं कर रहे, हम क्या करें। आधे घंटे की लापरवाही ने उनके मरीज की जान ले ली।
शव घर ले जाने के लिए अड़े, युवक वाहन के सामने बैठा बता दें कि कोविड वार्ड से शव निकालकर वैक्सीनेशन सेंटर के सामने रख दिया गया था। ऐसे में परिजन शव को दाह संस्कार के लिए नहीं ले जाने दे रहे थे। परिजनों का कहना था कि शव वह अपने गृहगांव ले जाएंगे। इस दौरान गौरव पचौरी शव वाहन के सामने बैठ गया। हालांकि थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा की समझाइश उपरांत वह मान गया। लिहाजा आनंद तिवारी के शव को शहर के धर्मपुरी स्थित मुक्तिधाम ले जाकर कोरोना प्रोटोकॉल में अंतिम संस्कार किया गया।
आरोप गलत है परिजनों के आरोप गलत हैं। अस्पताल में सभी संसाधन और दवाएं उपलब्ध हैं। बेहतर देखरेख की गई जिसके चलते इंदौर से भिण्ड लाने के बाद हालत में सुधार हुआ।
डॉ. अजीत मिश्रा, सीएमएचओ भिण्ड