कभी बिजली नहीं तो कभी सिंचाई के लिए पानी मयस्सर नहीं। किसी तरह बिजली और पानी मिल भी जाए तो खाद और बीज के लिए कतारबद्ध होकर रतजगा करते हैं। बेबस किसानों ने जैसे-तैसे खेतों में फसल तैयार कर ली थी, लेकिन कुदरत के ओलावृष्टि की शक्ल में गिरे कहर ने मानों किसानों की कमर ही तोड़ दी है। लहार विधानसभा क्षेत्र के आलमपुर एवं दबोह में लगभग १४ से १५ हजार हेक्टेयर रकबे की फसल प्रभावित बताई जा रही है। उल्लेखनीय है लहार विस क्षेत्र का कुल कृषि रकबा करीब ७० हजार हेक्टेयर है। ऐसे में ओलावृष्टि महज आलमपुर व दबोह हुई है। लिहाजा फसलों में नुकसान इसी क्षेत्र के कृषि रकबे में हुआ है।
इन गांवों में नष्ट हुई किसानों की फसलें शनिवार की रात हुई ओलाववृष्टि में गांगेपुरा, रूर, जगदीशपुरा, खिरिया, रजरापुरा, शाहपुरा न 2, आलमपुर, बीसनपुरा, रौनी, धनोरा, दुर्गापुर, उदंनपुर, दाबनी, दबोह, सलैया, बरथरा एवं मुरावली में किसानों के खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल के अलावा मटर, चना एवं गेहूं की फसल नष्ट हो गई है। बर्बादी का आलम ये है कि 20 से 25 फीसद खेतों में 100 फीसद फसल नष्ट हो गई है। वहीं 25 से 30 फीसद किसान ऐसे हैं जिनके खेतों में ६५ से ७० फीसद नुकसान हुआ है, जबकि करीब 50 फीसद कृषि रकबे में 45 से 50 फीसद फसल की क्षति हुई है।
सर्वे दल किए गए गठित सुबह करीब 9 बजे लहार एसडीएम आरए प्रजापति राजस्व अमले के साथ आलमपुर व दबोह क्षेत्र अंतर्गत उन गांवों में पहुंचे जहां फसलें बर्बाद हुई हैं। वहीं दोपहर के वक्त कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस, एडीएम प्रवीण फुलपगारे, उप संचालक कृषि शिवराज ङ्क्षसह सहित अन्य राजस्व अमला किसानों के बीच उनके खेतों पर पहुंचा। बाद में कलेक्टर ने तीन-तीन सदस्यीय दल प्रत्येक गांव में सर्वे के लिए गठित किया। पटवारी, ग्राम सेवक सहायक एवं कृषि विभाग के आरएईओ को दल में शामिल किया गया है। सर्वे के लिए गठित किए गए १७ दल सोमवार की शाम तक नुकसान के आकलन की रिपोर्ट प्रशासन को पेश कर सकते हैं।
आलमपुर में आधा दर्जन मकान धाराशायी आलमपुर क्षेत्र में ओलावृष्टि के दौरान आधा दर्जन कच्चे घर गिर गए हैं। हालांकि किसी प्रकार की जनहानि की खबर नहीं है। बावजूद इसके माली तौर पर लाखों का नुकसान बताया जा रहा है। रामसिंह पुत्र कुंजी दोहरे, राजाबेटी पत्नी सुंदर दोहरे, धर्मेंद्र पुत्र ठाकुरदास दोहरे के घर गिर गए जबकि करन दोहरे पुत्र मंगली दोहरे का घर गिरने के साथ-साथ मलबे में दबकर बकरी मर गई है।
प्रभावित गांवों का दौरा करने के उपरांत सर्वे दल गठित किए गए हैं। सर्वे दलों की रिपोर्ट प्राप्त होते ही पीडि़त किसानों को बीमा एवं मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर, भिण्ड