बजट में पूर्व से स्वीकृत 136 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों का निर्माण पूरा कराने के लिए 3 करोड़ रुपए की डिमांड की है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में 568 अतिरिक्त कक्षों का भी निर्माण 5.09 करोड़ से कराया जाएगा। 57 नए अतिरिक्त कक्षों की भी मांग की है। प्रस्तावित बजट में 10 साल की आयु पूरी कर चुके तथा वर्तमान में जर्जर अवस्था में पहुंचे 161 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को भी शामिल किया है। 1.65 करोड़ की लागत से उक्त स्कूल भवनों की मेजर रिपेरिंग कराने का प्रस्ताव है।
दीवारों में दरार आने और बरसात में इन भवनों से पानी टपकने की शिकायत के चलते कक्षाओं का संचालन नहीं हो पा रहा है। 81091 मीटर बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी शामिल किया है। प्रधानाध्यापकों के अनुसार बाउंड्रीवॉल न होने से स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। इसके अलावा आसामाजिक तत्व भी भवन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी के साथ कस्तूरबा गंाधी बालिका छात्रावास के भवनों में 273 मीटर लंबी बाउंड्रीवॉल निर्माण का प्रस्ताव है। 16.70 लाख से 167 रैंप का निर्माण भी स्कूलो में किया जाएगा।
44 स्कूल भवनों में होगा नलकूप खनन पेयजल समस्या से जूझ रहे 44 स्कूलों में हैंडपंप खनन कराने का प्रस्ताव भी बजट में शामिल किया है। इन हैंडपंपो का खनन 57.20 लाख की लागत से कराया जाएगा। पानी की समस्या के चलते स्कूलों में दर्ज छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बजट प्लान के हाइलाइट्स -136 प्राइमरी और माध्यमिक शाला भवनों के निर्माण पर करीब 3 करोड़ खर्च -161 स्कूल भवनों की मेजर रिपेरिंग पर 1.65 करोड़ रुपए होंगे खर्च – 81091 मीटर लंबी बाउंड्रीवॉल के निर्माण पर 27.57 करोड़ होंगे खर्च
– 44 नए तथा 83 पूर्व से स्वीकृत हैंडपंपों के खनन पर 1.07 करोड़ होंगे खर्च -167 रैंपों के निर्माण पर 16.70 लाख रुपए खर्च होंगे -38 नवीन शौचालयों के निर्माण में 20 लाख खर्च करने का प्रस्ताव
कथन वार्षिक संभावनाओं तथा जरूरत को देखते हुए बजट प्रस्ताव तैयार किए हैं। रा’य शिक्षा केंद्र की ओर से कुछ सुधार भी किए जा सक ते हैं। 49 करोड़ रुपए की डिमांड की गई है। संभवत: मई के अंत तक बजट को मंजूरी मिल जाएगी।
-रविशंकर शर्मा, सहायक यंत्री, जिला शिक्षा केंद्र भिण्ड