नपं क्षेत्र में मकानों की संख्या 22 सौ के आसपास है, जबकि जल कनेक्शनों की संख्या सिर्फ 878। निजी बोरों वाले एक सैकड़ा घरों को छोड़ दिया जाए तो भी करीब 13 सौ से अधिक घरों में जल कनेक्शन ही नहीं हैं। पेयजल सप्लाई पर नपं प्रतिमाह तीन लाख रुपए खर्चकर 26340 रुपए के बिल जारी कर रही हंै, जबकि हर माह सिर्फ 5 से 6 हजार के ही बिल जारी हो पा रहे हैं। एक माह पहले नपं ने 325 नोटिस जारी किए थे। इनमें से एक सैकड़ा लोगों ने कनेक्शन ले लिए हंै लेकिन शेष लोग टस से मस नहीं हो रहे। चोरी से पानी के उपयोग के डेढ़ सैकड़ा से अधिक प्रकरण नपं ने लोक अदालत में भेज दिए हैं। फ्री में पानी पीने वालों पर शिकंजा कसने के लिए नपं इसी सप्ताह से अभियान चलाने जा रही है। अधिकारियों का तो यहां तक कहना है कि बिना कनेक्शन के ही पानी लेने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
दो लाख से अधिक का आ रहा बिजली बिल नपं के सात नलकूप हैं इनका प्रतिमाह करीब 2 लाख से अधिक का तो विद्युत बिल ही आ रहा है इसके अलावा 65 हजार रुपए कर्मचारियों के वेतन पर खर्चहो रहें हैं और 35 हजार नलकूपों तथा लाइनों के मेंटेनेंश पर खर्च हो रहें हैं। वार्ड नं 15 में तो नलकूप और लाइने बिछाने पर नपं ने 15 लाख रुपए का खर्चा किया था लेकिन एक भी कनेक्शन नहीं हुए। स्थानीय लोगों ने प्राइवेट प्लंबरों की मदद से अवैध रूप से कनेक्शन ले लिए।
-पेयजल सप्लाई पर तीन लाख खर्च हो रहे हैं, जबकि आय सिर्फ 5 हजार है। टीम गठित कर दी गई है। इसी सप्ताह से अभियान चलाकर जुर्माने की तैयारी है। एनएल खेंगर सीएमओ नपं फूप