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हाईकोर्ट के नियमों को नहीं मान रहा प्रशासन

locationभिंडPublished: Aug 06, 2018 10:14:51 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

हादसा प्वॉइंटों पर पूरा नहीं किया जा रहा एससी का प्रोटोकॉल, नहीं रुक रहा सड़क हादसों का सिलसिला

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हाईकोर्ट के नियमों को नहीं मान रहा प्रशासन

भिण्ड. जिले में तीन दर्जन से अधिक हादसा प्वॉइंट हैं जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देश के तहत न तो चिह्नित किया गया है और ना ही उन स्थलों पर सुधारात्मक उपाय किए गए हैं। जिले में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
भिण्ड शहर में जहां राज्य एवं जिला मार्ग पर आठ हादसा प्वॉइंट हैं वहीं मेहगांव, गोरमी, गोहद, गोहद चौराहा, मालनपुर, लहार, ऊमरी, मिहोना एवं रौन में कुल 22 हादसा प्वॉइंट हैं जहां आए दिन हादसों में लोगों की जानें जा रहीं हैं। सड़क के जिन स्थलों पर बीते तीन सालों में पांच से अधिक दुर्र्घटनाएं घटित हुईं हैं उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा ब्लैक स्पॉट् घोषित किया है।
भिण्ड जिले में यहां हैं ब्लॅक स्पॉट : भिण्ड के प्रवेश द्वार के पास जोशीनगर, इंदिरागांधी चौराहा, विश्रामगृह के सामने मोड़ बायपास, रानी अवंतीबाई लोधी चौराहा, अटेर रोड बेटी बचाओ चौराहा, भारौली तिराहा बायपास, प्रतापपुरा मोड़, गोपालपुरा राज्यमार्ग पर मानपुरा, बाराकला, अकोड़ा मोड़, ऊमरी क्षेत्र में रूर की पुलिया, मेंहदा के निकट, लहारा में महाराणा प्रताप चौराहा, मिहोना में गांधी तिराहा, मछण्ड मार्ग, रैपुरा मोड़, नहर की पुलिया ग्वालियर रोड, दबोहा मोड़, सैमरपुरा मोड़, लाड़मपुरा गिजोर्रा मोड़, गढ़ी का बंबा, ज्ञानंद का पुरा, भिण्ड तिराहा मेहगांव, बरहद मोड़, बहुआ, गोहद चौराहा, छीमका मोड़, मालनपुर में एटलस चौराहा, पोरसा राज्य मार्ग पर अजनोधा मोड़, हीरापुरा मोड़, सुनारपुरा की पुलिया के पास, गोरमी के निकट आशुतोष कॉलेज के सामने, बुधारा मोड़, मौ मार्ग गाता के अमायन मोड़ पर, गुतौर तिराहा, कोंहार का पेंड़ा, मौ में सेंवढ़ा रोड आदि हादसा प्वॉइंटों पर बीते तीन साल में 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
ये है हादसा प्वॉइंटों के लिए प्रोटोकॉल-

सर्वोच्च न्यायालय कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की गाइड-लाइन अनुसार हादसा प्वॉइंटों को सर्व प्रथम चिह्नित किया जाना आवश्यक है। सड़क सुरक्षा के लिए पुलिस एवं सड़क निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के अलावा रोड सेफ्टी एक्सपर्ट समय-समय पर भ्रमण कर स्थिति का जायजा लें। इस दौरान सुधारात्मक उपाय तलाशे जाएं। मौके पर मिलने वाली खामियों को दूर कर उनका ठीक तरह से क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। वहीं संयुक्त अधिकारियों द्वारा किए गए उपायों के बाद उसका असर एवं विश्लेषण हादसा प्वॉइंट पर हुआ या नहीं इसकी निगरानी रखना आवश्यक है। ब्लैक स्पॉट की जानकारी मिलते ही इसका निरीक्षण लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता या उनके द्वारा अधिकृत अधीक्ष यंत्री व रोड सेफ्टी विशेषज्ञ द्वारा किया जाना जरूरी है। कमेटी स्थल निरीक्षण के दौरान यह परीक्षण करती है कि क्या दुर्घटना मार्ग से संबंधित कर्मियों के कारण घटित हुई है। ऐसे ब्लैक स्पॉट जिनमें लोंग टर्म सुधारात्मक उपाय की जरूरत है उनका सर्वेक्षण कर मार्ग से संबंधित हिस्से को मार्क करते हुए बेस मेप पर प्रभावी करना जरूरी है।
&सर्वोच्च न्यायालय कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों का पालन किया जाना आवश्यक है। प्रशासन के संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्देशों की अनदेखी के चलते हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है।

आरपी गुप्ता, सेवा निवृत्त एसडीओ पीडब्ल्यूडी
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