अरविंद भदौरिया विद्यार्थी परिषद के अनेक पदों पर रहे। मध्य प्रदेश भाजपा ने उन्हें संगठन में 5 बार मंत्री और एक बार उपाध्यक्ष बनाया। वह राष्ट्रीय किसान मोर्चा में भी उपाध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। अरविंद भदौरिया ने कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका का निर्वहन किया था।
पहली बार विधायक बने तो कराया अटेर का विकास डॉ. अरविंद भदौरिया जब पहली बार 2008 में अटेर विधानसभा से विजय हुए थे तो उन्होंने विधानसभा में हर क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर विकास कराने का काम किया था। चाहे बिजली की समस्या हो और चाहे सडक़ों की हर समस्या को मिटाने की दिशा में बढ़-चढक़र काम किया और आखिर में लंबे समय बाद विकास दिखाई देने लगा था, लेकिन दूसरा चुनाव वे स्वर्गीय नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे से हार गए और उसके बाद उपचुनाव में उनके बेटे हेमंत कटारे से केवल 800 वोटों के मामूली अंतर से हार गए।