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जिले में सूखे की आहट

locationभिंडPublished: Sep 02, 2019 07:34:35 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

धान की फसल को बचाने के लिए किसान नलकूप से सिंचाई करने को मजबूर

जिले में सूखे की आहट

जिले में सूखे की आहट

भिण्ड. कभी आसमान में बादल तो कभी तेज धूप। पिछले 15 दिनों में सिर्फ रिमझिम बरसात ने किसानों के दिलों की धडक़ने बढ़ा दी है। सबसे ’यादा चिंता तो धान उत्पादक किसानों को हो रही। बीहड़ी क्षेत्रों में सिंचाई के साधन न होने के कारण किसान बाजरा, ’वार आदि खरीफ फसलों को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
जुलाई और अगस्त के महीनें में गत वर्ष की अपेक्षा अधिक बरसात होने से गोहद, मेहगांव तथा लहार के किसानों ने खेती के बड़े रकवे में धान की फसल रोप ली थी। 15 अगस्त के बाद से आसमान में बादल तो घूमड़ रहे हैं लेकिन रिमझिम बरसात के बाद ही तेज हवाओं के साथ उड़ गए। किसानों को हर चौथे दिन फसल को जिंदा रखने के लिए नलकूल से सिंचाई करनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि धान की फसल नवंबर के अंत तक आती है यदि बरसात न हुई तो नलकूपों से ही 10 से 15 बार सिंचाई करनी होगी। ऐसी स्थित में फसल लागत बढ़ जाने से किसानों को घाटा होने की संभावना हंै। हर खेत पर सिंचाई के साधन उपलब्ध न होने से 10 से 15 फीसदी फसल को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा। किसानों की माने तो वैसे भी बरसात का मौसम अब 15 या 20 दिन का ही रह गया है। पिछले दस दिनोंं से तो दिन के समय तेज धूप निकलने से जमीन तेजी से सूख रही है। कभी कभार सिर्फ बौछारे पड़ जाती है। नदियों के किनारे बीहड़ में ढाल की जमीन पर बोई गई बाजरा, तिल और ’वार की फसल प्रभावित होने लगी है। जिले में अब तक 540.& मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 679.3 मिमी औसत वर्षा हो चुकी थी। गत वर्ष 931.3 मिमी बरसात हुई थी। जिले की सामान्य वार्षिक वर्षा 668.& मिमी है।
रबी की फसल भी प्रभावित होने की संभावना

करीब 20 दिन बाद रबी फसल में सरसों और चंना की बोवनी शुरू हो जाएगी। 10 दिन पहले किसानों को सरसों के लिए खेतों की जुताई कर दी थी। इन खेतों में धूल उड़ रही है किसानों को जुताई करने के लिए बरसात का इंतजार है। सरसों की फसल के लिए बोवनी से पहले कम से कम पंाच बार खेत की जुताई करनी होती है।
भिण्ड,लहार, रौन-मिहोना में दिखने लगा असर

लहार क्षेत्र मे अभी तक 484.9 मिमी एवं रौन मिहोना में 469 मिमी और भिण्ड में 435.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। तीनों ही तहसीलों में कम बरसात का असर दिखाई देने लगा है। तेज धूप के कारण फसल मुरझाने लगी है। इसी प्रकार मेहगांव में 619.6 मिमी, गोहद में 640 मिमी, अटेर में 680.2 मिमी बरसात हुई है। पिछले तीन दिन में कई बार बादल तो आए लेकिन बरसात सिर्फ 5 मिमी ही हो पाई।
&इस बार औसत से कम बरसात का असर फसलों पर पडऩे की पूरी संभावना है। गत साल की तुलना में इस साल 139 मिमी बरसात कम हुई है। लेकिन अभी उम्मीद नहीं छोडऩा चाहिए क्योंकि अभी बरसात के 20 दिन से ’यादा बाकी है।
आर के त्रिपाठी वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी डीडीए कार्यालय भिण्ड

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