डीएसपी ने की बदलाव की शुरुआत
मृत्युभोज की कुरीति को बदलने की शुरुआत करने वाले डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी का नाम रवि सिंह भदौरिया है। रवि सिंह वर्तमान में भोपाल हेड क्वार्टर में पदस्थ हैं। भिंड जिले के रायपुरा गांव के रहने वाले रवि सिंह के पिता का निधन 8 नवंबर को हुआ था और अब जब मृत्युभोज की कुरीति का वक्त आया तो उन्होंने अपने घर से ही इस कुरीति को दूर करने का प्रयास शुरु किया। सबसे पहले परिवार के सदस्यों से मृत्युभोज न कराने को बातचीत की। परिवार के सदस्यों ने हामी भरी तो फिर समाज और गांव के लोगों से चर्चा कर अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वो इस कुरीति की जगह समाज को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि मृत्युभोज कराने की जगह वो गांव के शासकीय स्कूल परिसर की जर्जर बिल्डिंग की जगह नया सामुदायिक भवन बनाना चाहते हैं। रवि सिंह की सोच और पहल का समाज और ग्रामीणों ने भी स्वागत किया और पिता की त्रयोदशी पर भूमि पूजन का कार्यक्रम भी किया गया।
एक साथ हजार लोगों का भोज
चंबल अंचल में मृत्यु भोज प्रतिष्ठा का सवाल माना जाता है और मृत्युभोज को बड़े स्तर पर कराया जाता है। हर व्यक्ति परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद उसकी याद में मृत्युभोज का आयोजन कराता है जिसमें हजारों लोगों को भोजन कराया जाता है। मृत्युभोज के आयोजन में हजारों रुपए का खर्च आता है।