ढाई साल पहले स्व‘छता अभियान के तहत फूप में जून 2016 में 506 शौचालयोंं का निर्माण कराने के लिए टेंडर किए गए थे। ठेकेदार ने एक माह बाद ही कार्य शुरू कर दिया था। करीब डेढ़ साल पहले ठेकेदार ने 504 शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा कर पोर्टल पर इंंट्री भी करवा दी थी। इसके बाद नपा ने 32 लाख का भुगतान भी कर दिया था। दो सैकड़ा से अधिक शौचालय अधूरे होने की शिकायत आने के बाद नप ने 36 लाख रुपए का भुगतान रोक लिया था। नप और ठेकेदार के बीच भुगतान का विवाद कोर्ट में पहुंच जाने के बाद हितग्राहियों ने भी निर्माण कार्य पूर्ण होने की उम्मीद छोड़ दी है। अधूरे होने के कारण हितग्राही शौचालयों का उपयोग कंड़े, लकडिय़ां रखने के लिए कर रहे हैं। जिले को करीब चार माह पहले ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। लेकिन नप फूप में अभी भी सैकड़ों की संख्या मेंं परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
अधूरे शौचालयों को पूर्ण कराने हितग्राही ऑन अकाउंट दी जाएगी राशि करीब चार माह पहले नप एक संकल्प पारित किया है। अधूरे शौचालयों का निर्माण ठेकेदार से नहीं कराया जाएगा। अब राशि सीधे हितग्राही के खाते में डालकर शौचालयों का निर्माण पूरा कराया जाएगा। हितग्राहियों को तय अवधि में शौचालयों का निर्माण पूरा कराना होगा। जिन शौचालयों का निर्माण डेढ़ साल में होना था उनका निर्माण ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
&ठेके दार ने करीब दो सौ से अधिक शौचालयों को अधूरा छोड़ दिया है। किसी में दरवाजा नहीं है तो किसी की छत नहीं डाली गई। आधा सैकड़ा शौचालयों में सीट ही नहीं है। नप ने संकल्प पारित कर अधूरे शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए सीधे हितग्राही के खाते में पैसा डालने का निर्णय लिया है।
एनआर खेंगर सीएमओ नपा फूप &504 शौचालयों का निर्माण कराकर पोर्टल पर इंट्री करवा दी थी। शेष भुगतान प्राप्त करने के लिए कोर्ट की शरण ली है। अध्यक्ष और सीएमओ के मौखिक आदेश पर टेंडर से अलग 72 शौचालयों का निर्माण करवाया था। इसका भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया।
अनिलसिंह कुशवाह ठेकेदार फूप