आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आधारभूत आवश्यकताएं मुहैया कराने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग चरणबद्ध कार्यक्रम चलाएगा। पहले चरण में ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र चुने गए हैं, जो विभाग के स्वामित्व के भवनों में चल रहे हैं। इनमें विद्युत व्यवस्था के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत बिजली कनेक्शन कराने तथा 2 विद्युत पंखे, 03 एलईडी बल्व एवं चार्जिंग साकेट सहित विद्युत फिटिंग आदि के लिए अनुरक्षण मद से 5000 रुपए व्यय किए जाएंगे। मप्र के एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग की आयुक्त पुष्पलतासिंह ने जिला कार्यक्रम अधिकारियों से विद्युत सुविधाविहीन विभागीय स्वामित्व के आंगनबाड़ी भवनों के नाम मांगे हैं, जिससे उनको विद्युत सुविधा से युक्त किया जा सके।
जिले में कुल 2022 आंगनबाड़ी केन्द्र : भिण्ड जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही १० एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत कुल २०२२ आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। अनुमान के अनुसार इनमें से लगभग ३० प्रतिशत से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्र किराए के भवनों में चल रहे हैं। नगरीय निकायों के क्षेत्रों में संचालित आगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या ४१६ है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्र १६०६ हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों से ६ माह से ३ वर्ष तक की उम्र के बच्चे, ३ से ६ वर्ष की आयु तक के बच्चे, किशोरी बालिकाएं, धात्री माताएं और गर्भवती महिलाएं लाभान्वित होती हैं। मौजूदा में जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दर्ज उक्त सभी श्रेणियों के हितग्राहियों की संख्या लगभग २.५० लाख से अधिक है। अधिसंख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों में लाइट और टॉयलेट के इंतजाम नहीं हैं। नवीन निर्मित हो रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों में टायलेट भी बनाए जा रहे हैं। विद्युत व टॉयलेट उपलब्ध हो जाने से आंगनबाड़ी केन्द्रोंं की व्यवस्थाएं सुधरेंगी जिससे हितग्राहियों को सहूलियत होगी और वे नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपस्थिति देंगे।
फैक्टफाइल : 2022 कुल आंगनबाड़ी केन्द्र हैं जिले में 10 कुल शहरी व ग्रामीण परियोजनाएं चल रही हैं 2.50 लाख हितग्राही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दर्ज हैं 30 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहे किराए के भवनों में