उल्लेखनीय है कि बेमौसम हुई अतिवृष्टि और प्रदेश में विगत दिनों हुई ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते सब्जियों की फसल आसमान पर पहुंच गए हैं। 20 दिन के भीतर ही सब्जियों के दामों में 20 से 30 फीसदी की वृद्धि हो गई है। बैंगन, टमाटर और तोरई के भाव 50 के ऊपर पहुंच गए हैं, जबकि प्याज तो करीब डेढ़ माह से 50 से 60 रुपए प्रतिकिग्रा बिक रहा है।
भाव बढऩे का सबसे ’यादा असर गरीबों की रसोई पर पड़ा है। 20 से लेकर 30 सितंबर तक आंचल में 250 से लेकर 300 मिमी तक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इससे अंचल के विभिन्न जिलो मेंं पैदा होने वाली हरी सब्जियों की फसल नष्ट हो गई है। इसके अलावा यमुना की सहायक नदियों में बाढ़ आ जाने से कछारी क्षेत्र मेंं भी सब्जी की फसल बर्बाद हो जाने से भाव पर विपरीत असर पड़ा है। इसके अलावा बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते कम हो जाने से भी गिर गई है। जो माल आ भी रहा है उसका भाड़ा अधिक हो जाने से भाव प्रभावित हुए हैं।
नवंबर के दूसरे सप्ताह तक भाव गिरने की संभावना सब्जी के थोक कारोबारियों का कहना है कि हाल फिलहाल सब्जियों के भाव गिरने की संभावना भी कम है। क्योंकि अतिवृष्टि से पूर्व में बोई गई सब्जियों की फसल खेत में पानी भर जाने से नष्ट हो गई है। जिन किसानों ने नई फसल बोई थी उसका पौधा भी नष्ट हो गया है। नई फसल बौने में अब 10 से 15 दिन का समय लग सकता है और दिसंबर के प्रथम या द्वितीय सप्ताह के बाद ही नई फसल आनी शुरूहोगी। तभी भाव भी गिरने की संभावना है।
सब्जियों के भाव सब्जी 13 अक्टू. 1माह पूर्व आलू 18-20 14 तोरई 40-50 25 लोकी 20-25 10 बंदगोभी 40- 50 30 हरीमिर्च 50-60 40 भिंडी 25-30 10
कद्दू 15-20 10 अरबी 15-20 30 बैंगन 15-20 40 करेला 30-35 25 प्याज 30-40 60 शिमला मिर्च 60-70 50 हरी धनिया 300-350 250 अदरक 60-80 150 लहसुन 80-100 200
मूली 50-60 30 पालक 25-30 40 हरी मटर 160-180 फूल गोभी 50-60 नोट- भाव रुपए प्रतिकिग्रा में है। 30त्न बढ़ा भाड़ा टमाटर बंैगलोर, प्याज और बंदगोभी नासिक, मटर दिल्ली से आ रही है। ट्रकों की हड़ताल के चलते भाड़ा 30 फीसदी से ’यादा बढ़ गया है। स्थानीय किसानों की फसल अतिवृष्टि से नष्ट हो गई है। सब्जी के भाव नई फसल आने के बाद ही ही गिरने की संभावना है।
सलीम खां थोक सब्जी विक्रेता लौट रहे ग्राहक -सब्जियों के भाव इतने ’यादा है कि सुनकर भरोसा ही नहीं होता। सब्जी महगंाई के कारण आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है। ’यादातर लोग भाव सुनकर ही वापस लौट आते हैं। आलू और दाल से ही काम चल रहा है।
रामबाबू शाक्य निवासी बी टीआई रोड सब्जी खरीदने की नहीं होती हिम्मत -पति मजदूरी करते है तब पांच सदस्यीय परिवार का पोषण होता है। सब्जी इतनी महंगी हो गई है कि खरीदने की हिम्मत नहीं होती। सबसे अधिक परेशानी प्याज महंगा होने से आ रही है।
रिजवाना खातून सुभाषनगर भिण्ड कोई भी सब्जी 40-50 से कम नहीं -मंडी में कोई भी सब्जी ऐसी नहीं है जो 40-50 रुपए से कम हो। सब्जी लेने आए थे कि एक सप्ताह के लिए ले जाएंगे सिर्फआलू लेकर जा रहे हैं। घर में 10 दिन से सब्जी नहीं बनी है।
संतोषी देवी बीटीआई रोड भिण्ड