इसमें एक लाइनमैन होगा। इसके अलावा आउट सोर्सिंग से आधा दर्जन कर्मचारियों को रखा जाएगा। टीम को एक पिकअप वाहन, चैन पुली तथा अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराएं जाएंगे। ये टीम सप्ताह में सातों दिनों तक फील्ड में काम करेंगी और समय-सीमा में रिपलेसमेंट करेंगी। यदि समय बचता है तो 33 केवी लाइनो के रखरखाव की जिम्मेदारी भी टीम को होगी। कंपनी की समय सीमा विद्युत नियामक आयोग से भी कम है। आयोग के निर्देेशानुसार ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफार्मर 7 दिन में बदले जाने चाहिए जबकि कंपनी ने सिर्फ तीन दिन कर दी है।
समय पर नहीं बदला ट्रांसफार्मर, मुरैना और श्योपुर के अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : रिपलेसमेंट टीम के द्वारा निर्धारित समय सीमा में ट्रांसफार्मर न बदले जाने पर कंपनी ने श्योपुर और मुरैना जिलों के प्रबंधक और उपप्रबंधकों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है। उक्त अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर बदलने में 7 दिन से अधिक का समय लगाया था। अन्य जिलों के अधिकारियों को भी सचेत कर दिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में फुंके पड़े 155 ट्रांसफार्मरों को बदलने की तैयारी चारों डिवीजनों के ग्रामीण क्षेत्र में ऐरियर बकाया होने के कारण फूंके पड़े 155 ट्रांसफार्मर बदलने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। संबल योजना आने के बाद अधिकांश गांवों में बकाया एरियर लगभग खत्म हो गया है। नई योजना के तहत शेष राशि का 20 फीसदी राशि जमा करने पर तत्काल ट्रांसफार्मर बदला जाएगा। यानि यदि किसी गंाव में 10 लाख बकाया था इसमें से 9 लाख माफ हो गए हैं। एक लाख में से यदि उपभोक्ता 20 फीसदी जमाकर देते हैं तो वहां के ट्रांसफार्मर को बदल दिया जाएगा।
-शासन की ओर से विद्युत सप्लाई को और सुगम बनाने के लिए कई योजनाएं लांच की गई हैं। जिला मुख्यालय पर 12 घंटे के अंदर ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया तो रिपलेसमेट के मुखिया पर कार्रवाई होगी। ग्रामीण क्षेत्र में इस माह के अंत तक पूर्व के फुंके पड़े सभी ट्रांसफार्मर बदल दिए जाएंगे।
आरके गुप्ता, महाप्रबंधक मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भिण्ड