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गर्मियो की छुट्टियों में खाली हुआ बालिका छात्रावास बना तबेला

locationभिंडPublished: May 16, 2023 10:03:21 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

गर्मियों की छुट्टियों में खाली हुए शासकीय पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास इन दिनों भैंसों का तबेला बना हुआ है। शहर के बहरी क्षेत्र रतनूपुरा में स्थित 50 सीटर छात्रावास का उपेक्षा और उदासीनता के चलते दुरुपयोग किया जा रहा है। जबकि 92 लाख रुपए की लागत से ठीक बगल से बने पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास को प्रशासन ने उपयोग शुरू करवा दिया है। लेकिन यहां रहने वाले कर्मचारी भी इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे कि बगल में ही भैंसें बांधी जा रही हैं।

 पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास --भिण्ड

शासकीय कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के पोर्च में बंधी भैंसें।

भिण्ड. अन्य पिछड़ा वर्ग की जिन बालिकाओं के पास शहर में रहने की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए शासन ने 50 सीटर बालिका छात्रावास का निर्माण करीब 15 साल पहल करवाया था। करीब 50 लाख रुपए की लागत से बने इस छात्रावास में रहकर बालिकाएं अध्ययन करती हैं। गर्मियों में स्कूलों की छुट्टियां हो जाने से बच्चियां अपने घरों को चली जाती हैं। इसके बाद छात्रावास का दुरुपयोग होता है, इसलिए यह जल्द जर्जर भी होने लगते हैं। रतनूपुरा की बस्ती में रहने वाले लोग इन दिनों दोपहर के समय भैंसों को धूप से बचाने के लिए कोई उपयुक्त जगह न मिलने पर छात्रावास के पोर्च में ही बांधना शुरू कर दिया है। विभाग में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है और प्रभार डिप्टी कलेक्टर पर होने और उन पर कई जिम्मेदारियां होने से ठीक से मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है। एक व्यक्ति से पूछा भी कि भैंसें किसकी हैं तो वह जवाब नहीं दे पाया।
92 लाख से बने छात्रावास भवन का उड़ा रंग रोगन
रतनूपुरा में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए भी 50 सीटर छात्रावास भवन बनवाया गया है। यह भवन करीब पांच साल पहले से बनकर तैयार है, लेकिन हैंडओवर न हो पाने से उपयोग नहीं हो पा रहा था। पत्रिका के आवाज उठाने पर पिछले दिनों हस्तांतरण की आधिकारक घोषणा किए बिना इसका उपयोग तो शुरू करवा दिया है। लेकिन हैंडपओवर की शर्तों के तहत रंग-रंगन नए सिरे से नहीं कराया गया है। जबकि मुख्य गेट पर लिखा नाम एवं भवन की दीवारों से रंग-रोगन उखडऩे लगा है। ऐसे में नया भवन भी पुराना सा दिख रहा है।
कथन-
बालक छात्रावास का उपयोग तो शुरू कर दिया है। रही बात बालिका छात्रावास में भैंसें बांधे जाने की तो फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराइए, हम दिखवा लेंगे, वैसे इन दिनों छात्राएं छुट्टियां होने से चली गई हैं।
पराग जैन, प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग व डिप्टी कलेक्टर, भिण्ड।
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