पांच मिनट देरी में छूट गई परीक्षा, नहीं मिला प्रवेश सालभर मेहनत करने के बाद जब परीक्षा की बारी आई तो जिला प्रशासन के आदेश ने पांच मिनट के देरी से पहुंचे छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया। इससे जिले के एक सैकड़ा छात्र परीक्षा देने से वंचित हो गए। दूसरी ओर बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल न हो इसका ध्यान रखते हुए विषय विशेषज्ञ को कंट्रोल रूम पर बैठाया गया।
बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत गुरुवार को बारहवीं कक्षा के अंग्रेजी विषय के पेपर से हुई। जिला प्रशासन ने 8.45 बजे के बाद केंद्र पर छात्रों को प्रवेश नहीं दिए जाने का फरमान जारी किया था। परीक्षा केंद्रों पर पांच मिनट देरी से पहुंचे छात्र छात्राओं को प्रवेश से रोक दिया गया। शहर के बुनियादी माध्यमिक स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर आधा सैकड़ा से अधिक परीक्षार्थियों की एक साल की मेहनत खराब हो गई। छात्र-छात्राएं केंद्राध्यक्ष से मिन्नतें करते रहे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
मालनपुर में छात्रा बेहोश मालनपुर के सरकारी उमावि परीक्षा केंद्र पर बारहवीं कक्षा की छात्रा पांच मिनट देरी से पहुंची। प्रवेश नहीं मिलने के कारण परेशान होते हुए वहीं बेहोश हो गई। उसको ग्वालियर इलाज के लिए भेजा गया। छात्रा इटावा उत्तरप्रदेश से परीक्षा देने के लिए मालनपुर के सरकारी उमावि में परीक्षा देने के लिए आई थी।
अधिकारी का घेराव केंद्राध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने छात्रों से कहा कि सोते हुए आ रहे हो। इसका छात्रों ने विरोध जताया। इस केंद्र पर पिछली परीक्षा में भी विवाद की स्थिति बनी थी। नयागांव के परीक्षा केंद्र पर भी देरी से पहुंचने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। परीक्षार्थियों ने प्रवेश नहीं दिए जाने पर जैन स्कूल के परीक्षा केंद्र के बाहर जिला शिक्षा अधिकारी एचबीएस तोमर की गाड़ी को घेर लिया।