मनोज जैन ने बताया कि श्रुत पंचमी जैन दर्शन का महत्वपूर्ण पर्व है। इस वर्ष देश में कोरोना वायरस के कारण इस पर्व पर विशाल कार्यक्रम न करते हुए छोटे रूप में सोशल डिस्टेंस के साथ कार्यक्रम होगा। गणाचार्य विराग सागर ने कहा जैन दर्शन का यह महापर्व इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दिगंबराचार्य आचार्य पुष्पदंत भूतवली ने प्रथम ग्रंथ षट्खण्डागम को लिपिबद्ध कर इसी दिन पूर्ण किया था, तभी से विश्व में यह पर्व महापर्व के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विराग युवा मंच द्वारा मूक पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए जगह-जगह पानी की टंकियां स्थापित की जाएंगी। सम्यक ज्ञान विराग विद्यापीठ वाचनालय पुस्तकालय में भी जिनवाणी क ा पूजन तथा नियमित श्रावकों द्वारा शास्त्र स्थापित किए जाएंगे।