जिले में बुधवार शाम पांच बजे से ही बरसात शुरू हो गई थी, रात 11 बजे तक रिमझिम बरसात होती रही। रात 12 से 2 बजे तक कई क्षेत्रों में झमाझम पानी बरसा। गुरुवार शाम 3.15 से 4.30 बजे तक भी जमकर बरसात हुई है। इस समय गेहंू की फसल को सिंचाई की जरूरत थी। गुरुवार को हुई बरसात से किसानों को अब सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। इसी प्रकार सरसों की फसल को भी अब सिंचाई की जरूरत नहीं रही। वर्तमान में सरसों का फूलझडऩे और फसल खेत में गिरने की संभावना के चलते आंशिक नुकसान भी माना जा रहा है। वहीं चना, मसूर की फसल के लिए यह मावठ अमृत के समान बताई जा रही है। गुरुवार दोपहर को आलमपुर में आधा घंटे तक ओलावृष्टि होने से सरसों, मटर और अरहर की फसल को 15 से 20 प्रतिशत नुकसान बताया जा रहा है। आसमान में बादल छाए होने से किसानों के दिलों की धडक़ने बढ़ी हुई है। असिंचित जमीन पर बोई गई फसल के लिए भी यह मावठ अमृत के समान महसूस की जा रही है। गोहद क्षेत्र में सर्वाधिक 45 मिमी तक बारिश होने से सरसों, चना, मसूर के खेतों में पानी भर जाने से फसल को खतरा महसूस किया जा रहा है। किसानों ने खेतों में भरे पानी को निकालने की कोशिश शुरू कर दी है। बरसात के कारण गुरुवार को जनजीवन बाधित रहा है। दोपहर के समय बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा तो ब”ाों को भी पानी से बचने के लिए छाता का उपयोग करना पड़ा है। तापमान भी 2 डिग्री तक लुढक़न से सर्दी ने फिर से आमद दर्ज करा दी है।
निर्माणाधीन सडक़ पर दिनभर लगता रहा जाम, अटेर से फूप होकर गुजरे वाहन कदौरा. बुधवार शाम से शुरू हुई बरसात के कारण अटेर से भिंड एवं पोरसा जाने तथा आने वाले लोगों को भारी मुश्किलों से गुजरना पड़ा। पोरसा से भिंड तक फोरलेन सडक़ का निर्माण करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-552 पर पिछले डेढ़ साल से सडक़ खुदी पड़ी है। सडक़ पर मिट्टी होने से सैकड़ों की संख्या में ट्रक, कारें आदि फंस गई है। क्वारी नदी के पास परा गांव के पास जाम में गुरुवार को बड़ी संख्या में वाहन फंसे रहे।। इसी प्रकार पोरसा मार्ग पर भी जगह जगह जाम के हालत बनते रहे। गुरुवार को अधिकतर चार पहिया, दुपहिया वाहन चालकों को सुरपुरा फूप से होकर भिण्ड की ओर गुजरना पड़ा है।
रास्तों में कीचड़, आधा सैकड़ा बस्तियों में जनजीवन प्रभावित बुधवार शाम से रुक-रुक कर हो रही बरसात से शहर की आधा सैकड़ा से अधिक बस्तियों को जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। इन इलाकों में सीवर लाइन, पेयजल लाइन बिछाने के दौरान खोदकर तो डाल दिया गया है लेकिन सडक़ का मेटेंनेंस नहीं कराया गया है। बरसात के चलते सैकड़ों की संख्या में सडक़ें कीचड़ में तब्दील हो गई। सबसे बुरे हालात बीटीआई रोड इलाके के हैं। सरोजनगर, गौरी सरोवर रोड, हाउसिंग कालोनी, धर्मपुरी, राजहोली, गोविंदनगर, गांधीनगर, बरूआ नगर, शास्त्री, कालोनी, देवनगर कालोनी, गढैया मोहल्ले में कीचड़ से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क”ो रास्ते में फंसी बस, पलटने से बची मौ. ग्वालियर से लहार जा रही यात्री बस बरसात के चलते क”ो रास्ते में मिट्टी धंसकने से फंस गई। गनीमत ये रही कि बस का एक साइड का पहिया पूरी तरह से गड्ढे में चला लिहाजा बस एक ओर से झुक गई। गनीमत ये रही कि बस पलटने से बच गई। आनन फानन में लोगों ने आगे बढक़र बस में सवार महिलाओं व ब”ाों को बाहर निकलवाने में मदद की।
जानकारी के अनुसार एमपी 07 एफ 1271, ग्वालियर से लहार जा रही थी। गुरुवार दोपहर 3 बजे मौ कस्बे में मेहगांव मार्ग पर क”ाी रोड पर बरसात के कारण मिट्टी धंसक जाने से फंस गई। पलट-पलटते बची। बस के अंदर आधा सैकड़ा से अधिक सवारियां भरी हुईं थीं। ऐसे में स्थानीय लोगों ने दौडक़र बस के अंदर से ब”ाों के अलावा महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया। यहां बतादें कि 24 घंटे से लगातार हो रही रिमझिम बरसात के कारण क”ाा रास्ता धंसक गया था। हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।
&बरसात से अधिकांश फसलो को अभी तक हुई बरसात से फायदा हुआ है, लेकिन यदि ’यादा होती है तो सरसों, चना, मसूर आदि फसलों को नुकसान होगा। आलमपुर के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि से नुकसान होने की संभावना है।
आरके त्रिपाठी वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी डीडीए कार्यालय भिण्ड