scriptस्कूल की दूरी नापने में जीआईएस सिस्टम हुआ फैल | GIS system has been spread in measuring distance of school | Patrika News

स्कूल की दूरी नापने में जीआईएस सिस्टम हुआ फैल

locationभिंडPublished: Jan 13, 2018 05:16:49 pm

Submitted by:

monu sahu

9 माह से पैदल ही स्कूल जा रही हैं छात्राएं, सरकार ने नहीं दी साइकिल
साइकिल न मिलने से गिरी 20 से 25 फीसदी उपस्थित

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भिण्ड. शिक्षण सत्र को शुरू हुए 9माह से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी साइकिलें न मिल पाने के कारण हजारों की संख्या में भांजियों को पैदल स्कूल जाना पड़ रहा है। स्कूल से घर की दूरी अधिक होने के कारण बड़ी संख्या में छात्राएं स्कूल से तौबा कर चुकी हैं। विकासखंड स्तर पर जीआईएस मैपिंग की प्रक्रिया पूरी न हो पाने से अभी कम से कम एक माह और साइकिल मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
एक साल पहले तक स्कूल से घर की दूरी 3 किमी होने पर छात्र-छात्राओं को शासन की ओर से मुफ्त में साइकिल दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन इस साल शासन ने दूरी घटाकर २ किमी तो कर दी है, मगर दूरी मांपने का नया फंडा अपना लेने से समस्या खड़ी हो गई है। जीआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से घर से स्कूल की दूरी एअर फ्लो में मापी जा रही है। इसके लिए सभी बीआरसी के मोबाइल पर सॉफ्टवेयर लोड किया गया है। लोड सॉफ्टवेयर से दूरी मापने के बाद गूगल ड्रायव पर सत्यापन किए जाने के बाद ही साइकिल वितरण का प्रावधान है। दूरी मापने का कार्य पूरा न होने के कारण अभी तक छात्रों का साइकिल वितरण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। हाईस्कूल तथा मिडिल के छात्रों को साइकिल का वितरण हर हाल मेंं 15 अगस्त 2017 तक पूरा होना था, लेकिन नए नियमों और अधिकारियों की लापरवाही मैपिंग और वितरण का कार्य लगातार पिछड़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि नए सत्र को शुरू होने में सिर्फ दो महीनें का समय शेष रह गया है। अधिकारी खुद ही स्वीकार कर रहे हैं कि साइकिल वितरण न होने से 20 से 25 फीसदी तक उपस्थिति प्रभावित हैं।
कक्षा 6 व 9 में अध्ययनरत 9262 छात्र-छात्राओं को निशुल्क साइकिल वितरण के लिए जीआईएस मैपिंग के आधार पर पात्र पाया गया है। गूगल ड्रायव से सत्यापन होने के बाद ही भोपाल से साइकिल भेजी जाएंगी। कई क्षेत्रों में दूरी को लेकर पालकों ने आपत्ति लगा दी है। पालकों का कहना है कि स्कूल की दूरी एअरफ्लों में माप ली गई है जबकि बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए घुमावदार रास्तों से होकर गुजरना होता है। मौजूद रास्तें से चला जाए तो दूरी ३ किमी से अधिक है।

स्कूल से घर की दूरी जीआईएस सॉफ्टवेयर से मापने की प्रक्रिया चल रही है। सत्यापन होने के बाद ही भोपाल से साइकिल भेजी जाएगी। औपचारिकताएं पूर्ण करने में १५ से २० दिन का समय लग सकता है।
ज्योत्सना सक्सेना एपीसी (जिला शिक्षा केंद्र भिण्ड)

गूगल ड्रायव से पात्रों की सूची का सत्यापन करने के बाद भेज दिया गया है। हमारी तरफ से औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी है। साइकिलों का वितरण शासन को ओर से किया जाना है।
संजीव दूरवार एपीसी (डीईओ कार्यालय भिण्ड)

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