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जमीन के अभाव में आधा दर्जन आंगनबाड़ी भवनों का पैसा लैप्स

locationभिंडPublished: Nov 18, 2019 11:24:26 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

शासकीय मिडिल स्कूल में बनाई गई आंगनबाड़ी हैंडओवर होने से पहले ही कंडम

जमीन के अभाव में आधा दर्जन आंगनबाड़ी भवनों का पैसा लैप्स

जमीन के अभाव में आधा दर्जन आंगनबाड़ी भवनों का पैसा लैप्स

फूप. दो साल बाद भी आधा दर्जन आंगनबाडिय़ों के भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण करीब 42 लाख

रुपए लैप्स हो गया है। दो साल में सिर्फ एक आंगनबाड़ी भवन का निर्माण हो पाया था लेकिन हैंडओवर न होने के कारण वो भी कंडम अवस्था में है। जबकि ठेकेदार को 80 फीसदी पैसे का भुगतान किया जा चुका है।
वर्ष 2017 में शासन ने फूप नगर परिषद के लिए 7 आंगनबाडिय़ांं स्वीकृत की थी। इनमेंं से एक के लिए शासकीय मिडिल स्कूल में भूमि उपलब्ध कराई। यहां बने भवन का 90 फीसदी कार्यपूरा हो चुका है। लेकिन गुणवत्ता संतोषजनक नहीं होने पर विभाग ने भवन को हैंडओवर नहीं किया। वर्तमान में भवन की दीवारों में क्रेक्स आ चुके हैं। छत से भी पानी टपकने लगा है। फर्सी उखड़ गई है। खिडक़ी दरवाजे गायब हो गए हैं।
स्थानीय समाजकंटकों द्वाराभवन का उपयोग शौचालय के रूप में किया जा रहा है। करीब एक लाख की लागत से लगाया हैंडपंप भी खराब पड़ा है। शेष आधा दर्जन आंगनबाडिय़ों के लिए नपं ने जमीन ही उपलब्ध नहीं कराई। विभागीय अधिकारियों ने भी जमीन उपलब्ध कराने में कोई रूचि नहीं ली। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों ने ब्लों में टेंडर ले लिए थे काम में घाटा देख हाथ खड़े कर दिए। विभाग ने वार्ड नं.1, 2 ,3 व 6, 7, 8, 9 में आंगनबाड़ी भवन स्वीकृत किए थे।
किराए के भवनों में 15 आंगनबाड़ी

नपं क्षेत्र में 15 आंगनबाडिय़ों का संचालन किया जा रहा है इनमें 550 से अधिक ब”ो दर्ज है। भवनों का निर्माण न होने से अधिकांश आंगनबाडिय़ां गली कूचों में किराए के भवनों में चल रही है। विभाग द्वारा प्रतिमाह 45 हजार किराए का भुगतान किया जा रहा है। अधिकांश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ही अपने मकान का एक कमरा किराए पर ले रखा है। शहर में कई भवन तो ऐसे हैं जिनमें
दर्ज संख्या तो 50 से अधिक है लेकिन भवन में बैठने की व्यवस्था 20 ब”ाों की भी

नहीं है।

-आंगनबाडी भवनों का निर्माण भूमि उपलब्ध न होने के कारण लटका हुआ है। शासन की ओर से भूमि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में परियोजना अधिकारियों से चर्चा कर कोई निष्कर्ष निकाला जाएगा।
अब्दुल गफ्फार खां जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी भिण्ड

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