बजरिया बाजार में 230 अतिक्रामक चिह्नित किए गए थे, जिनको स्थानीय रहवासियों ने प्रशासन व नगर पालिका की चेतावनी के बाद 14 सितंबर से खुद तोडऩा शुरू कर दिया था, जिसमें बड़ी संख्या में अतिक्रमण टूट गए थे। बाजार के निरीक्षण के बाद गत 3 व 4 अक्टूबर को भिण्ड एसडीएम मोहम्मद इकबाल के निर्देशन में नपा के अमले द्वारा शेष अतिक्रमणों को तोड़ा गया है। इस दौरान तकरीबन 20 से ’यादा अतिक्रमण में चिह्नित इमारतों को बिना तोड़े साबुत छोड़ दिया गया। प्रशासन ने दावा किया था कि आरसीसी से बने उक्त भवनों को उनके स्वामियों के अनुरोध पर तोडऩे के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। यह मियाद 6 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है। प्रशासन व नपा ने फिलहाल बजरिया बाजार में अतिक्रमण रोधी मुहिम रोक दी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर चुनिंदा रसूखदारों के मकान तोडऩे से क्यों छोड़ दिए गए? जिन लोगों ने चेतावनी के बाद अपने मकान स्वे‘छा से पहले तोड़ लिए थे, उनमें प्रशासन के इस भेदभाव से नाराजगी है। गंदीगर गली से लेकर गायत्री नगर पुराना सराफा बाजार तक ऐसे कई मकान हैं, जिनमें चिह्नित अतिक्रमणों को हटाने के नाम पर भवन स्वामियों द्वारा सिर्फ छ”ो झड़ाए गए हैं। कई भवन स्वामियों के मकानों को नपा के अमले द्वारा चिह्नित नाप से भी ’यादा तोड़ दिया गया है। बाजार में अब भी मलबे के ढेर लगे हैं व नालियां चोक हैं जिससे सडक़ पर आवागमन नहीं हो पा रहा है।
सीमांकन के बाद हटेंगे शेष अतिक्रमण नपा सीएमओ सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा है कि बजरिया में जो मकान दुकानें अतिक्रमण में हैं और टूटने से बच गए हैं, उनको तोड़ा जाएगा। नए निर्माण कार्यों की नगर पालिका से नियमानुसार अनुमति लेनी होगी। जल्दी ही राजस्व कर्मचारियों के सहयोग से बाजार में सीमांकन की कार्रवाई की जाएगी जिसके बाद शेष अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
-जो भी अतिक्रमण बचे हैं, उनको सीमांकन की कार्रवाई के बाद तोड़ दिया जाएगा। इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। मलबे व नालियों की सफाई का काम चल रहा है। जल्दी ही बाजार में सीमांकन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
एसके शर्मा, सीएमओ नपा भिण्ड