scriptअनदेखी के चलते अतिक्रमण व कचरे से बदहाल ऐतिहासिक तालाब | Historical ponds of encroachment due to ignorance and waste | Patrika News

अनदेखी के चलते अतिक्रमण व कचरे से बदहाल ऐतिहासिक तालाब

locationभिंडPublished: Apr 09, 2019 11:01:39 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

कैसे हो जलसंरक्षण: ऊमरी, रानी बिरगवां व सोनी गांवों के तालाबों में पसरी गंदगी

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अनदेखी के चलते अतिक्रमण व कचरे से बदहाल ऐतिहासिक तालाब

भिण्ड. सरकार जल संरक्षण के लिए प्राकृतिक जलस्रोतों, झीलों तालाबों के जीर्णोद्धार व रखरखाव के तमाम कार्यक्रम चला रही है पर ये कागजी साबित हो रहे हैं। जिले के अधिकांश तालाब अतिक्रमण का शिकार हैं। उनको मिट्टी कूड़ा आदि डालकर भरा जा रहा है। बड़ी संख्या में तालाबों में जलकुंभी पसरी हुई है। उनमेंपानी आने के प्राकृतिक रास्ते अवरुद्ध कर दिए गए हैं जिससे उनमें बारिश का पानी संग्रहीत नहीं हो पा रहा है। जुलाई माह में मानसून का मौसम शुरू हो जाएगा। इसके पहले अगर इन जल स्रोतों की सफाई, मेड़ बंधान, गहरीकरण तथा रखरखाव नहीं कराया गया तो ये तालाब फिर सूखे रह जाएंगे।
जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर स्थित ऊमरी गांव के लगभग 10 बीघा क्षेत्रफल में फैले 11वीं शताब्दी के प्राचीन उमरेश्वर तालाब पर बरसों से जलकुंभी का कब्जा है। ग्राम पंचायत कई बार तालाब के संरक्षण व सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग को दे चुकी है पर इसके लिए बजट राशि जारी नहीं की गई है। अटेर विकासखंड के ग्राम रानीबिरगवां के तालाब में कचरा डाला जा रहा है इससे उसका आकार सिकुड़ रहा है। सांसद आदर्श ग्राम सोनी में ग्राम पंचायत द्वारा पुराने तालाब को खंडों की पिचिंग करवाकर पक्का तो कर दिया है, पर कई साल से उसकी सफाई नहीं कराई है, उसमें कूड़ा कचरा, गंदगी फेंकी जा रही है जिससे उसका पानी गंदा होरहा है। भिण्ड शहर के बीचोंबीच स्थित 900 साल पुराने गौरी सरोवर में भी जलकुंभी पैर जमा रही है। इस तालाब के पश्चिमी व दक्षिणी तटों पर मकानों का टूटा मलबा डालकर तालाब की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। मुक्तिधाम की साइड में जलकुंभी का बड़ी तादाद में जमावड़ा है जो लगातार पानी को सोख रही है। भिण्ड शहर के मेला परिसर में स्थित पुराने मछली तालाब को भी नपा की अनदेखी ने कूड़ाघर व गंदे पानी का तालाब बना दिया है। कमोबेश ऐसे ही हालात के अधिकांश तालाबों के हैं।
जिले में 1100 से ज्यादा तालाब

यहां बतादें कि जिले में छोटे बड़े लगभग 1100 से ज्यादा पुराने तालाब व जलाशय हैं जो वर्षाजल के संग्रह के बड़े केन्द्र हैं। इनमें भिण्ड का गौरी सरोवर, गोहद का बेसली जलाशय, दबोह का करधेन तालाब, फूप का पुराना तालाब, ऊमरी का उमरेश्वर ताल व लहार का भाटन ताल प्रमुख रूप से शामिल हैं। भिण्ड नगर पालिका द्वारा 28 हेक्टेयर क्षेत्रफल मेें फैले गौरी तालाब के सुदृढ़ीकरण व विकास पर लगभग 5 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय किए जा चुके हैं पर इसका गहरीकरण, लेबलिंग, सफाई तथा डीवाटरिंग नहीं कराई गई है। यह तालाब नौकायन आदि वाटर स्पोट्र्स खेलों का भी प्रमुख केन्द्र है।
&चुनाव के पश्चातï् गौरी सरोवर सहित भिण्ड विस क्षेत्र के सभी तालाबों के रखरखाव व सुदृढ़ीकरण के लिए शासन से पहल की जाएगी ताकि उनकी जलधारण क्षमता बढ़ सके।

संजीव सिंह कुशवाह, विधायक भिण्ड
&उमरेश्वर तालाब की सफाई व सुदृढ़़ीकरण के लिए जिला पंचायत को कई बार प्रस्ताव दिया गया पर उसे आज तक मंजूरी नहीं मिली है। जन सहयोग से तालाब को कई बार साफ करवाया जा चुका है।
ग्याश्री यादव, सरपंच ग्राम पंचायत ऊमरी

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