निरीक्षक राजेश सातनकर के अनुसार 10 एवं 11 जून की दरमियानी रात धर्मेंद्र उर्फ धम्मू गुर्जर पुत्र मान सिंह गुर्जर निवासी कठवां गुर्जर तथा उसकी पत्नी अमरेश देवी ने पहले अपने 08 वर्षीय बेटे निशांत व 10 वर्षीय बेटी मीनाक्षी को दूध में जहर मिलाकर पिला दिया उसके बाद स्वयं भी फंदे पर झूल गए थे। यह खुलासा पुलिस की जांच रिपोर्ट में हुआ है। घटना वाले दिन निशांत कमरे के फर्श पर मृत पड़ा पाया गया था, जबकि बेटी मीनाक्षी अचेत अवस्था में थी जिसकी सांसें चल रही थीं। ग्वालियर में इलाज के दौरान दो दिन बाद मीनाक्षी ने भी दम तोड़ दिया।
घटना के पीछे की असल वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई उक्त घटना में यह तो स्पष्ट हो गया कि धर्मेंद्र उर्फ धम्मू गुजर्र व उसकी पत्नी अमरेश देवी की मौत फंदा लगने से हुई जबकि बच्चों की मौत जहरखुरानी से, लेकिन घटना के पीछे की असल वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई है। आखिर पूरे परिवार ने दिल दहलाने देने वाला आत्मघाती कदम क्यों उठाया। दरअसल घटना से जुड़ा कोई भी चश्मदीद नहीं होने से घटना की वजह सामने नहीं आ पा रही है। हालांकि पुलिस अभी भी इस प्रयास में हैं कि आत्महत्या कर लेने के पीछे क्या कारण रहा।