scriptरात 8 से तडक़े 4 बजे तक बंदूकों के साए में अवैध उत्खनन | Illegal excavation in the sleeve of guns from 8 pm to 4 am | Patrika News

रात 8 से तडक़े 4 बजे तक बंदूकों के साए में अवैध उत्खनन

locationभिंडPublished: Jan 15, 2019 11:23:02 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

शाम ढ़लते ही गायब हो जाते हैं सेंचुरी के कर्मचारी, आधा दर्जन घाटों पर हावी माफिया

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रात 8 से तडक़े 4 बजे तक बंदूकों के साए में अवैध उत्खनन

फूप. फूप सर्किल से लगते चंबल नदी के आधा दर्जन घाटों पर प्रतिबंध के बाद भी रात में रेत का अवैध उत्खनन बेरोकटोक चल रहा है। प्रति रात ५०० से अधिक ट्रालियां चंबल के घाटों से निकालकर बीहड़ के रास्तों में डंप की जा रही है। रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले १५ दिन में ही आसपास के लोगों ने एक दर्जन से अधिक सीएम हेल्प लाइन लगाई है लेकिन अभी तक माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई।
सर्किल के ज्ञानपुरा, सांकरी, बरही, गढ़ा, चांचड़, रानीपुरा, रमा आदि घाटों पर अवैध रेत के उत्खनन में अचानक तेजी आ गई है। घाटों की ओर जाने वाले रास्तों के पांच किमी के दायरे में लगे रेत के डंप और नदी के घाटों पर 10-10 फीट गहरी खाईयां अवैध उत्खनन का उदाहरण हैं। माफिया रात के अंधेरे में चंबल के घाटों से रेत निकालकर रास्तों पर डंप कर लेता है इसके बाद अपनी सुविधा से इसे बेचता रहता है। कई बार ट्रकों में भरकर रेत को इटावा पहुंचा दिया जाता है। दो दिन पहले ज्ञानपुरा घाट पर की गई संयुक्त कार्रवाई में भी रास्तों पर डंप करीब ढाई हजार घन मीटर रेत जब्त किया है। इस दौरान नकाबपोश बंदूकधारियों की तैनाती होने से सेंचुरी के अधिकारी भी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। जलीव जीव जंतुओं पर निगरानी रखने तथा अवैध उत्खनन रोकने के लिए सेंंचुरी ने हर घाट पर वन कर्मीकी तैनाती कर रखी है। लेकिन माफिया के डर दिन ढलते ही वन कर्मी घाटों से गायब हो जाते हैं और अधिकारियों जानकारी देने का जोखिम भी उठाना चाहते।
फूप सर्किल की आधा सैकड़ा से अधिक पंचायतों में 20 करोड़ से अधिक के निर्माण कार्य चल रहे हैं। उक्त अधिकांश निर्माण कार्यो में प्रतिबंधित चंबल के रेत का उपयोग हो रहा है। निर्माण कार्यो के एस्टीमेंट में सिंध के रेत का उपयोग लिखा रहता है। लेकिन ज्यादा मुनाफ कमाने के इरादे से उपयोग चंबल के ही रेत का किया जा रहा है। चंबल का एक ट्राली रेत 2000 में आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जबकि सिंध के रेत की एक ट्राली 3000 से 3500 रुपए मेंं पड़ती है। सिर्फ सरकारी ही नहीं निजी घरों में भी धड़ल्ले से चंबल के रेत का उपयोग हो रहा है।
घाटोंं पर अब तक हुई घटनाएं

६ माह पूर्व ही पुलिस बल के साथ अटेर के एक घाट पर गए सेंचुरी के रेंजर पर माफिया से फायरिंग कर दी थी। सभी के जान बचाकर भागना पड़ाथा।
-जनवरी 2019 के प्रथम सप्ताह में ही रानी पुरा के पास माफिया ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की थी। इसमें 10 को नामजद किया गया तथा 10 अज्ञात पर एफआईआर फूप थानें में दर्ज है।
-13 जनवरी को ज्ञानपुरा घाट के रास्ते से संयुक्त कार्रवाई के दौरान हजारों घनमीटर रेत जब्त किया गया है।

-ज्ञानपुरा घाट पर ही पुलिस ने 8 माह पूर्व छापामार कार्रवाई कर दो रेत से भरी ट्रालियां जब्त की थी। ये ट्रालियां अभी भी फूप पुलिस की कस्टडी में हैं।
-चंबल के घाटों पर रात के समय पुलिस की मौजूदगी में ही किसी प्रकार की कार्रवाई कर पाना संभव है। पिछले छह माह में कईबार कार्रवाई कर भी चुके हैं। घाटों की ओर जाने वाले रास्ते भी कई बार बंद किए गए हैं, लेकिन माफिया फिर से रास्ते चालू कर लेता है।
एससी अरोरा रेंजर भिण्ड घडिय़ाल सेंचुरी भिण्ड

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