पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के अनुसार रवि भदौरिया, करू भदौरिया एवं गोविंद सिंह भदौरिया निवासी गढ़ी हरीछा गांव में ही अवैध शराब तैयार कर विक्रय करने का काम कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने शराब की बोतल, अद्दी व पौवे पैक करने की मशीन भी लगा रखी थी। मुखबिर द्वारा बताया गया था कि आरोपी विद्यालय के पीछे करब की पूरियों में बारदाना छिपाकर रखे हुए हैं। गांव के भी किसी व्यक्ति को भनक न लगे इसके लिए अवैध शराब के कारोबारी पैकिंग मशीन को अन्यत्र स्थान पर रखे हुए थे जबकि शराब बनाने के काम आने वाली ओपी को तीसरे स्थान पर छिपाकर रखा गया था।
करब की पूरियों में मिले ब्राण्ड के खाली रैपर करीब एक दर्जन सदस्यीय सशस्त्र पुलिस बल द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में शासकीय विद्यालय के पीछे रखे करब की पूरियों के ढेर में पौवे व बोतल पर चिपकाने के लिए बड़ी संख्या में ब्राण्ड रैपर रखे पाए गए। इसके अलावा 3100 खाली क्वार्टर तथा 50 लीटर ओपी भी बरामद की गई, जबकि करब की पूरियों में ही 115 लीटर देशी मसाला शराब, 100 लीटर मसाला, तथा पैकिंग मशीन भी बरामद की गई। 75 हजार की शराब बरामद की है।
पुलिस ने चिन्हित किए आधा दर्जन गांव पुलिस के खूफिया सूत्रों द्वारा अवैध शराब बनाने वालों की सूची तैयार कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेज दी गई है। लिहाजा एसपी ने न सिर्फ ऐसे गांवों को चिन्हित कर लिया है बल्कि अवैध शराब कारखानों को संचालित करने वालों के नाम हासिल कर लिए हैं। अगले एक महीने तक अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलेगा। पुलिस ने दबिश के लिए योजना तैयार की है ताकि संबंधित अवैध शराब कारोबारी शराब का जखीरा गायब न कर पाए। उसे माल सहित गिरफ्तार कराने के लिए पुलिस के मुखबिर सक्रिय हो गए हैं।
युवाओं पर नजर लॉकडाउन के समय बेरोजगार हुए 18 से 30 वर्ष के युवाओं को शराब माफिया अपने नेटवर्क में जोड़ रहे हैं। मोटी पगार का लालच देकर गांव तथा टपरों में शराब सप्लाय करने के लिए युवाओं का उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पिछले छह महीनों में करीब चार हजार युवाओं को शराब माफिया ने अपने नेटवर्क में शामिल किया है।
शिक्षक की जांच मामले में कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र नवल सिंह रावत की अनुशंसा पर जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर ने विद्यालय के शिक्षक श्रीकांत त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है। साथ ही इनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है। बता दें कि विद्यालय कई महीनों से बंद था, जिसके चलते माफिया ने पिछवाड़े की जमीन को शराब के कारोबार में उपयोग लेना शुरू कर दिया था।
जिले में जहां भी अवैध रूप से शराब का निर्माण किया जा रहा है या सप्लाय की जा रही है, उन्हें चिन्हित कराया जा रहा है। सख्ती से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।- मनोज कुमार सिंह, एसपी