गौरतलब है कि मेहगांव अस्पताल में मरीजों से भर्ती करने के लिए बेधड़क वसूली की जा रही है। वसूली करने वाला व्यक्ति पिछले 6 महीने से मरीजों से 20 से 100 रुपए तक ले लिया करता था। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि अस्पताल प्रशासन के होते हुए एक अंजान व्यक्ति मरीजों से पैसे वसूल रहा है। इस पर अभी तक किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा कोई आपत्ति नहीं उठाई गई। वहीं बीमारी से जद्दोजहद कर रहे मरीजों से इस तरह वसूली की जाना भी आपराधिक गतिविधि में आता है।
पैसे नहीं देने पर बच्चे का नहीं बनाया पर्चा
मंगलवार को एक 10 वर्षीय बच्चे ने जहर खा लिया। हालत खराब होने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन पर्चा बना रहा युवक विवेक नरवरिया बिना पैसे दिए पर्चा नहीं बना रहा था, जबकि महिला द्वारा बार-बार निवेदन किया गया कि बच्चे को भर्ती करने के बाद वह पैसे मंगवाकर दे देगी। इससे पहले महिला से 100 रुपए की मांग की गई थी। जब पत्रिका टीम के सदस्य ने पैसे लेने के संबंध में पूछा तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। अस्पताल में उसकी नियुक्ति को लेकर भी स्टाफ द्वारा संदेह जताया गया है।
कथन.
मेरा बच्चा बीमार है, जब मैं पर्चा बनवाने गई तो उसने पहले मुझसे 100 रुपए की मांग की। मैंने कहा पैसे नहीं हैं तो काउंटर पर बैठे भैया ने कहा 20 रुपए में पर्चा बना दूंगा।
– रेशमा, बीमार बच्चे की मां
बीमार लोगों से पैसे लेकर पर्चा बनाने का कोई नियम नहीं है, बल्कि यहां मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है। यदि किसी के द्वारा इस तरह से वसूली की जा रही है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. शोभाराम शर्मा, बीएमओ मेहगांव