यही वजह है कि बिना किसी अधिकारी की अनुमति के बिना महज प्रभारी मंत्री का रिश्तेदार बताने पर ही युवक अपने दो साथियों के साथ 15 दिन तक ठाठ से विश्रामगृह में रहा। मामला पकड़ में आने के बाद जब तूल पकडऩे लगा तो संबंधित अधिकारी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सुबह और शाम जिला अधिकारियों का जमावड़ा विश्रामगृह के कमरा नंबर 03 में पिछले 15 दिन से रोज लग रहा था।
लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री से मांगा गया है स्पष्टीकरण एसडीएम एचबी शर्मा के अनुसार बिना किसी की अनुमति के जमील अहमद विश्रामगृह में कैसे ठहरा रहा और इसकी जानकारी राजस्व अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई। इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इधर स्वंय कलेक्टर छोटे सिंह इस मामले में दूसरे दिन भी कुछ नहीं बोल पाए। मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की बात करके पल्ला झाड़ लिया है।
-किसी भी राजस्व अधिकारी द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई। पूछताछ में उसका कोई अपराधिक पृष्ठभूमि नहीं पाई गई ऐसे में उसे छोड़ दिया गया है। डीएस बैस, सीएसपी भिण्ड -पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है कि विश्रामगृह में अनाधिकृत व्यक्ति कैसे रह रहा था इसका स्पष्टीकरण मांगा गया है।
एचबी शर्मा, एसडीएम भिण्ड -युवक को विश्रामगृह के वातानुकूलित कमरे में कैसे रह रहा था इसकी जांच के आदेश दिए हैं। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही कराएंगे। – छोटे सिंह, कलेक्टर भिण्ड
प्रभारी मंत्री के कथित भांजे के मोबाइल कॉल की हो निष्पक्ष जांच: अरविंद भदौरिया भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी एवं अटेर विधायक डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा है, कांग्रेस सरकार के मंत्री और भिण्ड जिले के प्रभारी आरिफ अकील का भांजा बनकर भिण्ड सर्किट हाउस पर 22 दिन से रह रहे युवक के मोबाइल काल्स की डिटेल्स की जांच की जानी चाहिए ताकि उसकी असलियत सामने आ सके। विधायक ने आरोप लगाया कि जमील नामक मंत्री के कथित भांजे को हिरासत में लिया और तुरंत छोड़ देना समझ से परे है। पुलिस ने उसके साथियों को भी गिरफ्तार नहीं किया । इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस की सरकार रेत माफिया को पुलिस और प्रशासन के सहयोग से संरक्षण दिलवाए जाने का कार्य कर रहीं है। उक्त युवक रेत के कारोबार में संलिप्त है और वह पुलिस तथा खनिज विभाग के अधिकारियों से साठगांठ कर रेत के अवैध कारोबार को प्रभारी मंत्री की दम पर अंजाम दे रहा था। विधायक ने कहा है कि अगर पुलिस और प्रशासन ने समय रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की तो इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा।