विदित हो कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर से योजना के तहत प्रोत्साहन राशि वितरण प्रक्रिया के संबंध में किसानों को सीधे प्रसारण में संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि उक्त कार्यक्रम में करीब 2400 किसान शामिल हुए थे। लेकिन कृषि विभाग की ओर से किसानों के लिए महज 2200 पैकेट ही बनवाए गए थे। अव्यवस्था का आलम ये था कि खाने के यह पैकेट भी दोपहर दो बजे तक वितरित नहीं किए गए। ऐसे में जब खाने के पैकेट आए तो किसानों में अफरा-तफरी मच गई। यदि समय पर खाने के पैकेट वितरित कर दिए जाते तो शायद सात से आठ सौ किसान भूखे नहीं लौटते। यहां बतादेंं कि अफरा-तफरी में में किसी ने चार तो किसी ने दो और किसी ने कुछ भी नहीं ले पाया। ऐसे में जो लोग एक से अधिक पैकेट ले गए वे निश्चित ही दूसरे का हक मार ले गए। ऐसे में 700 से 800 किसानों में से कुछ भूखे लौटे तो कुछ को बूंदी और सब्जी ही मिल पाई। जिसे जो मिला वह उसे खाने के बाद पानी पीकर घर के लिए रवाना हो गया।
सम्मेलन में शामिल होने अल सुबह ही घर से निकल पड़े थे कृषक विदित हो कि वर्ष 2017-18 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की फसल का 265 रुपए प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि कृषकों के खाते में प्रदान करने के लिए बायपास स्थित मैरिज गार्डन में क्षेत्र के किसानों को बुलाया गया था। समय पर सम्मेलन में शरीक हो जाएं इसलिए किसान अल सुबह ही बिना खाए पिए अपने-अपने गांव से निकल पड़े थे।
युवा कृषि में तलाश रहे भविष्य कार्यक्रम के दौरान मंत्री लाल सिंह आर्य ने किसानों को बताया कि सरकार किसानों के हित में कई ऐतिहासिक कदम उठा रही है। सरकार खेती को इस कदर लाभ का धंधा बनाने के प्रयास में है कि लोग नौकरियां छोड़कर कृषि कार्य में भविष्य तराशने लग जाएं। मंच पर उनके साथ जिला सहकारी बैंक चेयरमेन केपी सिंह, नगर पालिका उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा के अलावा कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता, अपर कलेक्टर टीएन सिंह, एसडीएम संतोष तिवारी के अलावा कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे।
फैक्ट फाइल 10 बजे से शुरू हो गया था किसान सम्मेलन 03 बजे तक चला समारोह 02 बजे तक सीधे प्रसारण में सीएम ने किया किसानों को संबोधित 2400 किसान करीब हुए सम्मेलन में शामिल
2200 खाने के पैकेट बनवाए गए थे किसानों के लिए वर्जन कार्यक्रम के दौरान ही किसानों ने बाहर रखे पैकेटों को स्वत: उठाकर ले जाना शुरू कर दिया, जबकि व्यवस्था उन्हें वितरित किए जाने की तय की गई थी। कमोवेश सबको पैकेट मिल गए हैं, कम लोग ही ऐसे होंगे जिन्हें खाने का पैकेट नहीं मिल पाया।
एसपी शर्मा, उप संचालक कृषि भिण्ड